भारत के विदेश मंत्री ने ट्रंप की विदेश नीति पर उठाए सवाल, अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी

अमेरिकी विदेश नीति पर जयशंकर की टिप्पणी
अमेरिकी विदेश नीति: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं देखा गया है जिसने अपनी विदेश नीति को इस तरह से सार्वजनिक रूप से संचालित किया हो.
ट्रंप का अनोखा तरीका
ट्रंप का अलग अंदाज
दिल्ली में एक मीडिया इवेंट में बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि ट्रंप का कार्य करने का तरीका पारंपरिक अमेरिकी दृष्टिकोण से भिन्न था। उन्होंने बताया कि यह बदलाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया ने इसे अनुभव किया है। ट्रंप का अपने देश और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रति दृष्टिकोण पारंपरिक अमेरिकी नेताओं से बिल्कुल अलग था.
भारत-पाकिस्तान संबंधों में अमेरिकी भूमिका
भारत-पाकिस्तान संघर्ष
जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों में अमेरिकी मध्यस्थता को अस्वीकार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मई में हुए चार दिवसीय भारत-पाक संघर्ष में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी, जबकि ट्रंप ने बार-बार मध्यस्थता का दावा किया। जयशंकर ने कहा कि 1970 के दशक से भारत में यह सहमति है कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों में किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी स्वीकार नहीं की जाएगी.
व्यापार में किसानों का हित
व्यापार और किसानों का हित सर्वोपरि
भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि किसी भी व्यापार वार्ता में किसानों और घरेलू उत्पादकों के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई असहमत है, तो उसे भारत की जनता को बताना चाहिए कि वह किसानों के हितों की रक्षा करने को तैयार नहीं है.
अमेरिकी प्रशासन की नीतियों पर सवाल
अमेरिकी प्रशासन पर तीखी टिप्पणी
जयशंकर ने अमेरिकी अधिकारियों की नीतियों पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि खुद को व्यापार समर्थक बताने वाला अमेरिकी प्रशासन दूसरों पर आरोप लगाने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि यदि भारत से तेल या परिष्कृत उत्पाद खरीदना आपको पसंद नहीं है, तो न खरीदें; कोई बाध्यता नहीं है.
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता की स्थिति
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता जारी
अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा रद्द होने के बावजूद, जयशंकर ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता अभी भी चल रही है। उन्होंने कहा कि बातचीत रुकने का कोई सवाल नहीं है, लेकिन भारत ने अपने लिए कुछ स्पष्ट सीमाएं तय कर रखी हैं, विशेषकर किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
भारत की रणनीतिक स्वायत्तता
रणनीतिक स्वायत्तता पर भारत का रुख
जयशंकर ने कहा कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने जोर दिया कि चाहे विदेश नीति हो या व्यापार समझौते, भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए ही आगे बढ़ेगा.