भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री का लक्ष्य
कहा, मौजूदा वैश्विक उथल-पुथल का भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान सरकार का उद्देश्य भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि यह एक दीर्घकालिक लक्ष्य है और हमें छोटी-मोटी समस्याओं से निराश नहीं होना चाहिए। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि वैश्विक उथल-पुथल का भारतीय जीडीपी वृद्धि पर सीमित असर होगा। भारत बाहरी दबावों और व्यापार-ऊर्जा असंतुलन का सामना करने में सक्षम है।
आर्थिक विकास की आवश्यकता
सीतारमण ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर साल 8% की वृद्धि दर आवश्यक है। उन्होंने घरेलू कारकों को भारतीय आर्थिक विकास की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दुनिया अनिश्चितता और अस्थिरता का सामना कर रही है, जिसे वे एक अस्थायी रुकावट के बजाय संरचनात्मक बदलाव मानती हैं।
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भरता का अर्थ बंद अर्थव्यवस्था नहीं है। 'विकसित भारत' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8% की वृद्धि दर की आवश्यकता है।
वैश्विक व्यवस्था में बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपनी बैठक में देश की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था तेजी से बदल रही है और अंतरराष्ट्रीय संस्थान अब विश्व समुदाय का विश्वास खो रहे हैं। उन्होंने जी20 बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि विशेषज्ञों ने इन संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर चर्चा की है।
सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों को नए सिरे से लिखा जा रहा है और सामने आने वाली चुनौतियाँ बहुत बड़ी हैं। नए वैश्विक संतुलन को कई कारकों को ध्यान में रखते हुए बनाना होगा।
वैश्विक आर्थिक माहौल
उन्होंने यह भी कहा कि कम निवेश और अस्थिर ऊर्जा कीमतों जैसे मुद्दों से वैश्विक आर्थिक माहौल में अनिश्चितता बढ़ रही है।