Newzfatafatlogo

भारत को आज मिलेगा नया उपराष्ट्रपति, सीपी राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी के बीच चुनाव

आज भारत को नया उपराष्ट्रपति मिलने वाला है, जिसमें सीपी राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला होगा। मतदान सुबह 10 बजे से शुरू होगा और परिणाम शाम को घोषित किए जाएंगे। जानें इस चुनाव में किन-किन पार्टियों ने भाग लिया है और किसकी जीत की संभावना अधिक है।
 | 
भारत को आज मिलेगा नया उपराष्ट्रपति, सीपी राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी के बीच चुनाव

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी

नई दिल्ली: आज भारत को 15वां उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है। एनडीए ने इस पद के लिए 68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 79 वर्षीय बी सुदर्शन रेड्डी को चुनावी मैदान में उतारा है। मतदान प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी, और वोटों की गिनती शाम 6 बजे से प्रारंभ होगी, जिसके तुरंत बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।


चुनाव में भागीदारी और समर्थन

पीएम नरेंद्र मोदी के पहले वोट डालने की संभावना है। तेलंगाना की बीआरएस और ओडिशा की बीजेडी ने इस चुनाव में भाग न लेने का निर्णय लिया है। दोनों पार्टियों ने किसी भी गठबंधन का समर्थन न करने का फैसला किया है। राज्यसभा में बीआरएस के 4 और बीजेडी के 7 सांसद हैं। शिरोमणि अकाली दल, जिसके लोकसभा में एकमात्र सांसद हैं, ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मतदान में भाग न लेने का ऐलान किया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रेड्डी का समर्थन करने की घोषणा की है। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के 11 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को वोट देने का निर्णय लिया है।


पूर्व उपराष्ट्रपति का इस्तीफा

यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। उपराष्ट्रपति के चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही वोट डाल सकते हैं। इस चुनाव में पार्टी व्हिप जारी नहीं किया जा सकता, जिससे सांसद स्वतंत्र रूप से वोट डाल सकते हैं। यदि सभी सांसद अपनी पार्टी की लाइन पर वोट करें तो एनडीए के राधाकृष्णन को अनुमानित 422 वोट, जबकि रेड्डी को 319 वोट मिलने की संभावना है। ऐसे में राधाकृष्णन की जीत लगभग निश्चित मानी जा रही है, लेकिन गुप्त मतदान के कारण क्रॉस वोटिंग की आशंका समीकरण को बदल भी सकती है।