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भारत को विश्व गुरु बनने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी: नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ तनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो देश अपनी 'दादागिरी' दिखा रहे हैं, वह अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत के कारण ऐसा कर रहे हैं। गडकरी ने भारत को 'विश्व गुरु' बनाने के लिए आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि विज्ञान और तकनीक किसी भी देश की प्रगति की कुंजी हैं।
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भारत को विश्व गुरु बनने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी: नितिन गडकरी

नागपुर में नितिन गडकरी का बयान

नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जो देश आज अपनी 'दादागिरी' दिखा रहे हैं, वह अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत के कारण ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को 'विश्व गुरु' बनने के लिए तकनीकी और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।


गडकरी का संबोधन: विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, "यदि हम अपने आयात को कम करने और निर्यात को बढ़ाने में सफल होते हैं, तो हमें किसी के सामने झुकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जो देश आज वैश्विक स्तर पर प्रभावी हैं, वे अपनी आर्थिक शक्ति और तकनीकी श्रेष्ठता के कारण ऐसा कर पा रहे हैं।"


उन्होंने आगे कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा 'विश्व बंधुत्व' की है और हमारी सोच हमेशा समावेशी रही है। "अगर हम तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत हो जाएं, तब भी हम किसी पर दबाव नहीं डालेंगे, क्योंकि हमारी संस्कृति में यह नहीं है। हमारी सोच 'वसुधैव कुटुंबकम' की है," उन्होंने कहा।


गडकरी ने यह भी बताया कि विज्ञान, तकनीक और ज्ञान किसी भी देश की प्रगति की कुंजी हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि देश के अनुसंधान संस्थानों, आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार शोध कार्य करना चाहिए। "हर जिले और राज्य की ज़रूरतें भिन्न हैं। हमें उन्हें समझकर अनुसंधान करना होगा।" अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि यदि भारत तकनीक और विज्ञान आधारित विकास मॉडल अपनाता है, तो देश की आर्थिक वृद्धि दर आने वाले वर्षों में तीन गुना तक बढ़ सकती है।