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भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की बैठक: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चर्चा

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष ली शांगफू के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की संभावित बहाली पर चर्चा की गई। यह बैठक भारत-चीन संबंधों में जटिलताओं के बीच हुई, खासकर पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के संदर्भ में। राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए भारत के प्रयासों को दोहराया। इस वार्ता के परिणामों पर भारत-चीन संबंधों में प्रगति के संकेतों के लिए बारीकी से नजर रखी जाएगी।
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भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की बैठक: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चर्चा

भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की महत्वपूर्ण वार्ता

नई दिल्ली: भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस उच्च स्तरीय चर्चा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था, जिसमें विशेष रूप से वार्षिक कैलाश मानसरोवर यात्रा की संभावित बहाली पर भी विचार किया गया।


यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन के बीच संबंध जटिल बने हुए हैं, जिसका मुख्य कारण पूर्वी लद्दाख में चल रहा सीमा गतिरोध है। हालांकि, सीमा मुद्दों के समाधान पर कोई विशेष जानकारी साझा नहीं की गई, फिर भी यह वार्ता एक महत्वपूर्ण राजनयिक संपर्क को दर्शाती है।


बैठक में एक महत्वपूर्ण बिंदु पारंपरिक कैलाश मानसरोवर यात्रा पर केंद्रित था, जो हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए एक पवित्र तीर्थ है और आमतौर पर चीनी क्षेत्र से होकर गुजरती है। सीमा तनाव और कोविड-19 महामारी के कारण हाल के वर्षों में यह यात्रा बाधित रही है। इसकी बहाली मानवीय और धार्मिक सहयोग का एक संभावित क्षेत्र हो सकती है।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत के निरंतर प्रयासों को दोहराया। एससीओ के मंच पर हुई इस बैठक ने दोनों देशों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों में आपसी समझ और सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इन चर्चाओं के परिणामों पर भारत-चीन संबंधों में प्रगति के संकेतों के लिए बारीकी से नजर रखी जाएगी।