भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में जयशंकर और वांग यी की बैठक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच मतभेदों को विवाद में नहीं बदलने की बात कही गई। इस बैठक का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता देना और भारत-चीन संबंधों को स्थिर और सहयोगात्मक बनाना है। वांग की यात्रा सीमा मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता के लिए है, जो पिछले दौर की वार्ता के निर्णयों को लागू करने में मदद करेगी।
Aug 18, 2025, 18:53 IST
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जयशंकर और वांग यी की महत्वपूर्ण बैठक
नई दिल्ली में सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। इस बैठक में जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच के मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को भी एक प्रमुख प्राथमिकता बताया गया। उन्होंने कहा, "मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूँ।" उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह चर्चा भारत और चीन के बीच स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंधों को स्थापित करने में मदद करेगी, जो दोनों देशों के हितों को पूरा करेगी और चिंताओं का समाधान करेगी।
वांग की भारत यात्रा का उद्देश्य
वांग ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं दौर की वार्ता में भाग लेने के लिए भारत की दो दिवसीय यात्रा शुरू की। यह बैठक डोभाल की दिसंबर में बीजिंग यात्रा के बाद हो रही है, जहाँ उन्होंने 23वें दौर की वार्ता की थी। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान वार्ता तंत्र को पुनर्जीवित करने पर सहमति जताए जाने के कुछ ही हफ्तों बाद हुई है।
चीन की दृष्टि
चीन ने पहले कहा था कि विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा का उद्देश्य दोनों पक्षों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण समझ को साकार करना और पिछले दौर की सीमा वार्ता में लिए गए निर्णयों को लागू करना है। वांग, डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में भाग लेने के लिए भारत आए हैं। यह वार्ता प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की अक्टूबर में हुई बैठक के कुछ हफ्तों बाद हो रही है, जिसमें विभिन्न संवाद तंत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया था।
भारत-चीन संबंधों का भविष्य
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि वांग की यात्रा के माध्यम से चीन भारत के साथ मिलकर नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमतियों को साकार करने की आशा करता है। उन्होंने कहा कि उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखना, राजनीतिक विश्वास बढ़ाना, व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देना और मतभेदों को उचित ढंग से सुलझाना आवश्यक है। माओ ने यह भी बताया कि सीमा वार्ता का यह उच्च-स्तरीय माध्यम दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करेगा।