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भारत-चीन संबंधों में तनाव: SCO बैठक में राजनाथ सिंह ने दी कड़ी चेतावनी

भारत और चीन के बीच संबंधों में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। शंघाई सहयोग संगठन की किंगदाओ बैठक में भारत ने एक महत्वपूर्ण संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को स्पष्ट चेतावनी दी कि भारत आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगा। इस लेख में जानें कि कैसे चीन की कूटनीति और पाकिस्तान के साथ उसके संबंध भारत के लिए सुरक्षा खतरा बन रहे हैं।
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भारत-चीन संबंधों में तनाव: SCO बैठक में राजनाथ सिंह ने दी कड़ी चेतावनी

भारत-चीन संबंधों में नई खटास

भारत और चीन के बीच संबंधों में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की किंगदाओ बैठक में भारत ने उस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून को स्पष्ट रूप से कहा, 'रिश्तों में और जटिलताएं मत जोड़िए।' भारत के लिए गलवान संघर्ष को भुलाना संभव नहीं है और ड्रैगन पर आंख मूंदकर भरोसा करना तो बिल्कुल भी नहीं।


चीन की दोस्ती का दिखावा

चीन ने छह साल बाद कैलास मानसरोवर यात्रा का मार्ग खोलने, हवाई उड़ानों और रेयर-अर्थ मेटल्स पर समझौतों के जरिए दोस्ती का हाथ बढ़ाने की कोशिश की है। लेकिन पाकिस्तान को आधुनिक हथियार देने और आतंकी घटनाओं पर चुप्पी साधने से उसकी असली मंशा उजागर हो रही है। भारत-पाक-चीन त्रिकोण में यह नया तनाव आने वाले समय में रिश्तों को और उलझा सकता है।


SCO बैठक में पहलगाम हमले पर भारत की स्थिति

किंगदाओ में रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त बयान की भाषा को 'नरम' रखने का प्रयास किया। भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया क्योंकि इसमें पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था। राजनाथ सिंह ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर यह स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगा।


राजनाथ सिंह की स्पष्ट चेतावनी

द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, रक्षा मंत्री ने एडमिरल डोंग जून से कहा, 'रिश्तों में और जटिलताएं मत जोड़िए।' 2020 के गलवान संघर्ष की यादें अभी भी ताजा हैं, इसलिए भारत चीन से 'विश्वसनीयता' की ठोस गारंटी चाहता है।


पाकिस्तान-चीन का गहरा संबंध

पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसहाक डार ने मई में बीजिंग जाकर CPEC को अफगानिस्तान तक बढ़ाने पर चर्चा की। चीन ने इस्लामाबाद को 40 नए J-35A लड़ाकू विमान और लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम देने का वादा किया है, जो भारत के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा है।


BRICS में चीन की कूटनीति

सूत्रों के अनुसार, शी जिनपिंग ने जुलाई में ब्राजील में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने से इनकार किया, क्योंकि पीएम मोदी को रात्रिभोज में मुख्य अतिथि बनाया गया था। उन्हें लगा कि इस मंच पर उन्हें 'सपोर्टिंग एक्टर' की भूमिका निभानी पड़ेगी।


चीन की आतंकवाद पर पुरानी नीति

चीन ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकी मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया में बार-बार बाधा डाली है। यही दोहरा रवैया भारत को सबसे ज्यादा खटकता है।


कैलास मानसरोवर मार्ग का पुनः उद्घाटन

छह साल बाद तीर्थयात्रियों का पहला जत्था तिब्बत पहुंचा है। इसके साथ ही, हवाई उड़ानों और व्यापारिक समझौतों पर भी प्रगति हुई है। फिर भी, LAC पर तनाव कम नहीं हुआ है और गलवान की घटनाएं अभी भी विश्वास में दरार पैदा करती हैं।


रेयर-अर्थ मेटल्स पर चीन का डर

भारत रेयर-अर्थ मेटल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तेजी से काम कर रहा है। इससे चीन की वैश्विक बाजार पर पकड़ कमजोर हो सकती है, यही कारण है कि ड्रैगन बार-बार दोस्ती का मुखौटा पहनता है और हथियारों की डोर खींचता है।