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भारत-चीन सीमा विवाद: चीन ने कहा, समाधान में लगेगा समय

चीन ने भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद को 'जटिल' बताया और कहा कि इसे सुलझाने में समय लगेगा। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक बैठक में तनाव कम करने के लिए प्रस्ताव रखा था। चीन ने बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है, जबकि दोनों देशों के बीच पहले से ही संवाद तंत्र मौजूद है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और भविष्य में क्या संभावनाएं हैं।
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भारत-चीन सीमा विवाद: चीन ने कहा, समाधान में लगेगा समय

चीन ने सीमा विवाद को बताया 'जटिल'

सोमवार को चीन ने भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद को 'जटिल' करार दिया और कहा कि इसे सुलझाने में समय लगेगा। हालांकि, उसने यह भी स्पष्ट किया कि वह सीमांकन और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है।


राजनाथ सिंह का प्रस्ताव

यह प्रतिक्रिया भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 26 जून को क़िंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद आई है। इस बैठक में, राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने और सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मौजूदा तंत्र को फिर से सक्रिय करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने 'संरचित रोडमैप' के माध्यम से समाधान की दिशा में आगे बढ़ने की बात भी कही।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सिंह की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच पहले से ही विशेष प्रतिनिधि स्तर का संवाद तंत्र मौजूद है। उन्होंने बताया कि दोनों देश 'राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों' पर सहमत हो चुके हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सीमा विवाद जटिल है और इसे सुलझाने में समय लग सकता है।


शांति बनाए रखने की इच्छा

माओ निंग ने संवाददाताओं को बताया कि चीन भारत के साथ सीमा निर्धारण और प्रबंधन से संबंधित मामलों पर संवाद बनाए रखने के लिए तैयार है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और सीमा-पार सहयोग को बढ़ाने की इच्छा भी व्यक्त की।


विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं वार्ता दिसंबर 2023 में हुई थी। यह बैठक 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुए सीमा तनाव के बाद पहली बार आयोजित की गई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय गश्त और चराई गतिविधियों की बहाली पर सहमति जताई थी।


'अच्छे पड़ोसी' संबंधों की आवश्यकता

क़िंगदाओ में हुई मुलाकात में, राजनाथ सिंह ने एलएसी पर विश्वास बहाली और 'अच्छे पड़ोसी' संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन 'सिंदूर' की जानकारी भी अपने चीनी समकक्ष को दी।


समाधान की समयसीमा

माओ निंग ने समाधान की समयसीमा के सवाल पर कहा कि चीन भारत से अपेक्षा करता है कि वह इसी दिशा में संवाद बनाए रखेगा और सीमावर्ती इलाकों को शांतिपूर्ण बनाए रखने के प्रयासों में सहयोग करेगा। सिंह-डोंग वार्ता को 2020 की तनातनी के बाद द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।