भारत-जर्मनी द्विपक्षीय वार्ता: व्यापार और सुरक्षा सहयोग पर जोर

भारत-जर्मनी द्विपक्षीय वार्ता
भारत-जर्मनी द्विपक्षीय वार्ता: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को जर्मनी के संघीय विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल से मुलाकात की, जो डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ विवाद के बीच हुई। इस बैठक में उन्होंने यूरोपीय संघ (EU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्रता से अंतिम रूप देने की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों ने आपसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।
जयशंकर ने बताया कि जर्मनी के साथ उनकी चर्चा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात हुई, जैसे राजनीतिक सहयोग, सुरक्षा, रक्षा, शिक्षा और व्यापार। उन्होंने कहा कि हम आपसी आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। जर्मनी ने भारत के साथ व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है, जिसकी उन्होंने सराहना की और निर्यात नियंत्रण जैसे मुद्दों के समाधान के लिए जर्मनी का आभार व्यक्त किया।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
जयशंकर ने जर्मनी के साथ हुई चर्चा के दौरान बताया कि जर्मनी ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में गहरी समझ दिखाई है। उन्होंने जून में जर्मनी के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के भारत दौरे की गर्मजोशी से मेज़बानी को याद किया। जयशंकर ने कहा कि हम जर्मनी के समर्थन को अत्यधिक महत्व देते हैं। उन्होंने पिछले साल तरंग शक्ति वायु अभ्यास में जर्मनी की भागीदारी और गोवा बंदरगाह पर जर्मन जहाजों के रुकने से रक्षा सहयोग को मजबूत करने की बात की।
उन्होंने कहा कि हमें रक्षा क्षेत्र में और सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। बंदरगाह नियंत्रण से जुड़ी पुरानी समस्याओं के समाधान और तेज मंजूरी प्रक्रिया के लिए भी जयशंकर ने जर्मनी की सराहना की। उन्होंने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में जर्मनी की रुचि का स्वागत किया, यह क्षेत्र भारत के लिए आशाजनक है। भारतीय प्रतिभा जर्मनी की तकनीकी क्षमताओं को और बढ़ा सकती है। उन्होंने इस क्षेत्र में और निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया।
ग्रीन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर
ग्रीन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर
जयशंकर ने कहा कि दोनों देश हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने वैज्ञानिक सहयोग के 50 साल पूरे होने का उल्लेख किया और इसे उद्योग से जोड़ने की आवश्यकता बताई। जर्मनी के विदेश मंत्री वाडेफुल ने बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) और इसरो मुख्यालय का दौरा किया। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों को अंतरिक्ष सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता है। उन्होंने इसरो और जर्मन अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि भारत-जर्मनी संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं और तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग न केवल द्विपक्षीय बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।