भारत ने UNHRC में पाकिस्तान के मानवाधिकारों के दोगलेपन को उजागर किया

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली: भारत ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में पाकिस्तान के मानवाधिकारों के दोगलेपन को उजागर किया है। जहां एक ओर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए उसकी कड़ी आलोचना की।
पाकिस्तान की आलोचना
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे राजनयिक मोहम्मद हुसैन ने कहा, 'यह विडंबना है कि मानवाधिकारों के मामले में सबसे खराब रिकॉर्ड वाला देश दूसरों को उपदेश देने की कोशिश कर रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर इस मंच का दुरुपयोग कर रहा है, जो उसके दोहरे चरित्र को दर्शाता है। हुसैन ने जोर देकर कहा, 'दुष्प्रचार के बजाय, पाकिस्तान को अपने देश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे 'राज्य प्रायोजित उत्पीड़न और व्यवस्थित भेदभाव' पर ध्यान देना चाहिए।'
PoK में असंतोष
यह सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब PoK में पाकिस्तान के खिलाफ व्यापक असंतोष है। यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने UNHRC को संबोधित करते हुए PoK में पाकिस्तान के बढ़ते दमन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने बताया कि इस्लामाबाद विरोध को कुचलने के लिए सेना तैनात कर रहा है, इंटरनेट बंद कर दिया गया है और संचार व्यवस्था ठप कर दी गई है। खान ने कहा, 'PoK में 30 लाख से ज्यादा कश्मीरी घेरे में हैं, जबकि विदेशों में 20 लाख लोग अपने परिवारों से कटे हुए हैं।'
हिंसक प्रदर्शन
गौरतलब है कि PoK में बिजली की दरों में कमी, सब्सिडी वाले गेहूं और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर चल रहा शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक हो चुका है, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए हैं और 22 से अधिक घायल हुए हैं।