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भारत ने UNSC में पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी, आतंकवाद पर उठाए सवाल

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। राजदूत हरिश पर्वतनेनी ने पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और सीमा पार आतंकवाद के बीच संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इमरान खान की जेल में स्थिति और जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के दावों को खारिज किया। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अपने निर्णय का समर्थन किया, यह कहते हुए कि पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन समाप्त करना होगा। इस लेख में भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए सवालों का विस्तृत विवरण है।
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भारत ने UNSC में पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी, आतंकवाद पर उठाए सवाल

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। भारत के राजदूत हरिश पर्वतनेनी ने कहा कि पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में चल रही उथल-पुथल का सीधा संबंध सीमा पार आतंकवाद से है। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डाल दिया गया है और उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 27वें संशोधन के माध्यम से सेना ने संविधान को अपने अनुसार मोड़ दिया, जिसे भारत ने 'संवैधानिक तख्तापलट' करार दिया। राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान का लोकतंत्र और कानून के प्रति व्यवहार उसकी गंभीर स्थिति को दर्शाता है और यह लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया।


इमरान खान पर UN रिपोर्ट का संदर्भ

UNSC में 'लीडरशिप फॉर पीस' विषय पर चर्चा के दौरान, राजदूत पर्वतनेनी ने कहा कि इमरान खान अगस्त 2023 से भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। उन पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मुकदमे चलाए जा रहे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की विशेष रिपोर्टर एलिस जिल एडवर्ड्स द्वारा इमरान खान के साथ अमानवीय व्यवहार के आरोपों का भी उल्लेख किया।


कश्मीर पर पाकिस्तान के दावों का खंडन

भारत ने पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर पर दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। राजदूत हरिश पर्वतनेनी ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्से हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इस क्षेत्र का अनावश्यक जिक्र उसकी भारत को नुकसान पहुंचाने की खतरनाक सोच को दर्शाता है। राजदूत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच का उपयोग भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहा है।


सिंधु जल संधि का निलंबन

भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अपने निर्णय का समर्थन किया। पर्वतनेनी ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने इस संधि पर सद्भावना से हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन करते हुए तीन युद्ध छेड़े और हजारों आतंकवादी हमले किए। उन्होंने कहा कि पिछले चार दशकों में आतंकवाद के कारण हजारों भारतीयों की जान गई है। उन्होंने अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख किया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई थी। इसी कारण भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित रखने का निर्णय लिया है जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समाप्त नहीं कर देता।