भारत ने अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया

भारत की नई मिसाइल तकनीक का परीक्षण
भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इंटरमीडिएट रेंज अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह नई पीढ़ी की मिसाइल पहली बार रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से दागी गई है। इस सफलता के साथ, भारत उन देशों में शामिल हो गया है जिनके पास 'कैनिस्टराइज्ड' लॉन्च सिस्टम है, जो रेल नेटवर्क पर मिसाइल छोड़ने की क्षमता रखता है।
अग्नि-प्राइम की विशेषताएँ
अग्नि-प्राइम क्या है? यह अग्नि श्रृंखला की सबसे आधुनिक मिसाइल है, जो 2000 किलोमीटर तक लक्ष्य साधने में सक्षम है। इसमें कई उन्नत विशेषताएँ शामिल हैं।
सटीक निशाना: यह उन्नत नेविगेशन सिस्टम के माध्यम से दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से निशाना बना सकती है।
तेज रिएक्शन: इसे कम समय में लॉन्च किया जा सकता है, भले ही दृश्यता कम हो।
मजबूत डिजाइन: यह कैनिस्टर में रखी जाती है, जिससे इसे मौसम के प्रभाव से बचाया जा सकता है। यह मिसाइल भारत की स्ट्रेटेजिक फोर्सेस कमांड (एसएफसी) के लिए विकसित की गई है।
रेल लॉन्चर की विशेषताएँ
कहीं भी, कभी भी हमला: इस परीक्षण की सबसे बड़ी विशेषता रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर है। यह विशेष रूप से डिजाइन किया गया सिस्टम है, जो बिना किसी तैयारी के रेल नेटवर्क पर चल सकता है। यह क्रॉस कंट्री मोबिलिटी प्रदान करता है, जिससे इसे जंगल, पहाड़ या मैदान में आसानी से ले जाया जा सकता है।
कम समय में लॉन्च: यह रुकते ही मिसाइल दागने की क्षमता रखती है।
कम विजिबिलिटी में काम: यह धुंध या रात में भी सुरक्षित रूप से कार्य कर सकती है। पहले मिसाइलें फिक्स्ड साइट्स से दागी जाती थीं, लेकिन यह लॉन्चर दुश्मन को धोखा देने में सक्षम है। रेल पर चलने की क्षमता से भारत की मिसाइल ताकत में कई गुना वृद्धि हुई है।
परीक्षण की सफलता: भारत का गौरव
डीआरडीओ, एसएफसी और भारतीय सेनाओं ने मिलकर इस परीक्षण को सफल बनाया। इस उपलब्धि के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि अग्नि-प्राइम के सफल परीक्षण से भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास रेल नेटवर्क पर कैनिस्टर लॉन्च सिस्टम है। यह परीक्षण भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' योजना का एक हिस्सा है। अग्नि श्रृंखला की यह छठी मिसाइल है, जो पहले से ही सेना में तैनात है।
इस परीक्षण का महत्व
रणनीतिक ताकत: यह दुश्मन को जवाब देने की क्षमता को बढ़ाती है।
सुरक्षा बढ़ेगी: यह सीमाओं पर तेज प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगी और घुसपैठ को रोकेगी।
वैश्विक स्तर: यह अमेरिका और रूस जैसे देशों के साथ भारत की स्थिति को मजबूत करती है।