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भारत ने अमेरिका के खिलाफ उठाया बड़ा कदम, सैन्य डील रोकी

भारत ने अमेरिका के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सैन्य डील को रद्द कर दिया है, जो कि अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद हुआ। यह डील बोइंग से छह पी-8I पोसेडन विमानों की खरीद से संबंधित थी, जो भारतीय नौसेना के लिए समुद्री निगरानी में सहायक होते। भारत ने पहले से ही ऐसे विमानों की खरीद की है, लेकिन इस बार लागत में वृद्धि के कारण डील को स्थगित कर दिया गया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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भारत ने अमेरिका के खिलाफ उठाया बड़ा कदम, सैन्य डील रोकी

भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस के साथ तेल व्यापार के कारण भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस पर भारत सरकार ने अमेरिका के इस कदम का जवाब देने का निर्णय लिया है। 


एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने अमेरिका के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सैन्य सौदा रद्द करने का निर्णय लिया है। डिफेंस वेबसाइट आईडीआरडब्ल्यू के मुताबिक, भारत ने तीन अगस्त को इस सौदे को रोकने का फैसला किया।


भारत ने अपनी नौसेना के लिए अमेरिका की बोइंग कंपनी से छह पी-8I पोसेडन विमान खरीदने का सौदा किया था। ये विमान समुद्री निगरानी के लिए आवश्यक थे। भारतीय नौसेना को इन विमानों की आवश्यकता है, क्योंकि ये अत्याधुनिक और उन्नत हैं। अरब सागर से हिंद महासागर तक चीन के बढ़ते प्रभाव पर नजर रखने के लिए ये विमान महत्वपूर्ण हैं। लेकिन, फिलहाल यह डील रोक दी गई है।


भारतीय नौसेना के पास पहले से 12 ऐसे विमान हैं, जो 2009 में बोइंग से खरीदे गए थे। उस समय भारत अमेरिका का पहला खरीदार बना था, और इन विमानों की लागत लगभग 19 हजार करोड़ रुपये थी।


2016 में भारत ने चार और विमान खरीदे थे, जिनकी लागत 8,500 करोड़ रुपये थी। भारतीय नौसेना ने इन विमानों की क्षमता और दक्षता की सराहना की थी।


इसके बाद 2021 में छह और विमानों की खरीद की योजना थी, जिसे अमेरिका ने मंजूरी दे दी थी। हालांकि, 21,000 करोड़ रुपये की लागत के कारण डील को रोका गया। 2025 में सौदे की लागत बढ़कर 31,500 करोड़ रुपये हो गई थी, फिर भी भारत सरकार ने इन विमानों की खरीद का निर्णय लिया था। लेकिन, अब इसे स्थगित कर दिया गया है।


भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर भारत पर अनुचित और अतार्किक टैरिफ लगाने का आरोप लगाया था। मंत्रालय ने कहा कि यूरोपीय संघ का व्यापार रूस के साथ भारत की तुलना में अधिक है, और अमेरिका भी मास्को के साथ व्यापार करता है। ऐसे में भारत पर टैरिफ लगाना अनुचित है।