भारत ने अमेरिका को iPhone निर्यात में चीन को पछाड़ा, जानें इसके पीछे की वजहें

भारत बना iPhone का सबसे बड़ा निर्यातक
हाल ही में एक बाजार अनुसंधान रिपोर्ट से पता चला है कि भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका को iPhone का सबसे बड़ा निर्यातक बनने का नया मुकाम हासिल किया है। ओमडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2025 में भारत ने अमेरिका को लगभग 30 लाख iPhone निर्यात किए, जबकि चीन से केवल 9 लाख यूनिट भेजे गए। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव फिर से बढ़ रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी और एप्पल की रणनीति
इस घटनाक्रम का मुख्य कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वह बयान है, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि iPhone का निर्माण अमेरिका में नहीं किया गया, तो आयातित iPhones पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। इस दबाव ने Apple को अपनी आपूर्ति श्रृंखला को विविधता देने के लिए मजबूर किया है।
भारत में उत्पादन में वृद्धि के कारण
ओमडिया के शोध प्रबंधक ले झुआन चिउ के अनुसार, "Apple पिछले कुछ वर्षों से व्यापार अवरोधों की संभावना को देखते हुए तैयारी कर रहा था। अप्रैल में शिपमेंट में आई वृद्धि संभवतः टैरिफ लागू होने से पहले का रणनीतिक भंडारण है।" इससे यह स्पष्ट होता है कि Apple ने संभावित शुल्कों से बचने के लिए पहले से ही iPhones का स्टॉक अमेरिका में भेजना शुरू कर दिया था।
Apple के लिए भारत का नया हब
भारत अब Apple की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन तमिलनाडु में iPhone असेंबल कर रही है। इसके अलावा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी Pegatron की भारतीय इकाई का संचालन संभाल लिया है। ये कंपनियां उत्पादन बढ़ाने के लिए नए संयंत्र स्थापित कर रही हैं।
रोजगार में वृद्धि, लेकिन चुनौतियां बनी रहेंगी
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की पूरी मांग को भारत से पूरा करना अभी संभव नहीं है, लेकिन इस दिशा में उठाए गए कदम भविष्य में बड़े परिणाम ला सकते हैं। इससे स्थानीय रोजगार, तकनीकी कौशल और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
क्या 'मेड इन यूएस' iPhone की कीमत तीन गुना होगी?
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि iPhone पूरी तरह से अमेरिका में निर्मित होता है, तो उसकी कीमत $3,500 (₹2.98 लाख से अधिक) हो सकती है। वहीं, ट्रंप प्रशासन के तहत चीन में बने iPhones पर 30% टैरिफ और भारत में बने iPhones पर 10% कर लगाया जाता है। यही कारण है कि Apple चीन से दूरी बना रहा है और भारत की ओर झुकाव बढ़ा रहा है।
घरेलू उत्पादन की चुनौतियां
वेडबश सिक्योरिटीज के डैन इवेस ने कहा कि अमेरिका में पूरी तरह से iPhone बनाना "काल्पनिक" है। अमेरिका में एशियाई आपूर्ति श्रृंखला को दोहराना मुश्किल और अत्यधिक खर्चीला होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि Apple को अपनी सप्लाई चेन का केवल 10% अमेरिका में स्थानांतरित करने में तीन साल और $30 बिलियन का खर्च आएगा।