भारत ने आतंकवाद पर उठाया बड़ा सवाल, विदेश मंत्री का बयान

संयुक्त राष्ट्र महासभा में एस जयशंकर का बयान
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार रात को संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद के मुद्दे पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि भारत का पड़ोसी देश आतंकवाद का केंद्र बन चुका है, जहां आतंकी ढांचे खुलेआम फल-फूल रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि पिछले कई दशकों में हुए बड़े आतंकी हमलों की जड़ें एक ही देश से जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि वहां आतंकवादियों का महिमामंडल किया जाता है और उन्हें संरक्षण दिया जाता है। इस संदर्भ में, जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद की फंडिंग को रोकने और आतंकी ढांचे को समाप्त करने की अपील की। विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अपनी प्राथमिकता माना है। उन्होंने पहलगाम हमले को क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का एक उदाहरण बताया और कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कार्रवाई का अधिकार इस्तेमाल किया है।
जयशंकर ने यह भी कहा कि आजादी के बाद भारत को ऐसे पड़ोसी का सामना करना पड़ा है, जो आतंकवाद को सरकारी नीति के रूप में अपनाता है। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में उस देश के नागरिकों की संख्या अधिक है। अपने भाषण में, उन्होंने भारत शब्द का उल्लेख करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि यूएन के सदस्य देशों की संख्या चार गुना बढ़ चुकी है, इसलिए स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाना आवश्यक है। अंत में, विदेश मंत्री ने कहा कि जब कोई देश आतंकवाद को उद्योग की तरह चलाता है और आतंकी ठिकानों को पनाह देता है, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बिना किसी शर्त के उसकी निंदा करनी चाहिए।