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भारत ने ट्रंप की टैरिफ धमकी का दिया सख्त जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को दी गई टैरिफ धमकी पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि आलोचकों को पहले अपनी स्थिति पर विचार करना चाहिए। ट्रंप के आरोपों के जवाब में, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह रूस से तेल का आयात कर रहा है, लेकिन यह उसके उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक है। भारत ने यह भी बताया कि यूरोपीय संघ का रूस के साथ व्यापार भारत के व्यापार से कहीं अधिक है। जानें इस मुद्दे पर भारत का क्या कहना है और ट्रंप की धमकी का क्या असर हो सकता है।
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भारत ने ट्रंप की टैरिफ धमकी का दिया सख्त जवाब

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी

डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ संबंधी चेतावनी का भारत ने दृढ़ता से उत्तर दिया है। भारत ने कहा है कि आरोप लगाने वाले देशों को पहले अपनी स्थिति पर विचार करना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसल ने कहा कि आलोचकों को यह समझना चाहिए कि रूस के साथ व्यापार करने में क्या समस्या है, जबकि यूरोपीय संघ का रूस के साथ 67.5 अरब यूरो का व्यापार है।


टैरिफ की चेतावनी

ट्रंप ने एक बार फिर भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। उन्होंने पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत सस्ता तेल खरीदकर रूस की सहायता कर रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन बयानों का जवाब दिया है।


विदेश मंत्रालय का स्पष्टीकरण

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत को अमेरिका और यूरोपीय संघ के निशाने पर इसलिए रखा गया है क्योंकि वह रूस से तेल का आयात कर रहा है। भारत ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि युद्ध के बाद तेल की आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय, अमेरिका ने भारत के इस तरह के आयात को वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता के लिए प्रोत्साहित किया था। मंत्रालय ने कहा कि भारत का आयात भारतीय उपभोक्ताओं के लिए किफायती ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए है। आलोचना करने वाले देश स्वयं रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।


यूरोपीय संघ और रूस का व्यापार

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि 2024 में रूस के साथ यूरोपीय संघ का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 अरब यूरो तक पहुँच जाएगा। इसके अलावा, 2023 में यह व्यापार 17.2 अरब यूरो का होगा, जो भारत के रूस के साथ व्यापार से कहीं अधिक है। 2024 में यूरोपीय संघ का एलएनजी आयात रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुँच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया।


भारत का व्यापारिक दृष्टिकोण

भारत ने कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में केवल ऊर्जा नहीं, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और परिवहन भी शामिल हैं। अमेरिका अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम, साथ ही रूस से उर्वरक और रसायन का आयात करता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को निशाना बनाना बंद करें। भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।