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भारत ने तुर्किए को दिया करारा जवाब, भूमध्य सागर में बढ़ाई ताकत

भारत ने तुर्किए के साथ बढ़ते तनाव के बीच भूमध्य सागर में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया है। तुर्किए द्वारा भारतीय युद्धपोत को घेरने की कोशिश के बाद, भारत ने चार युद्धपोत तैनात किए हैं, जिससे तुर्किए को एक स्पष्ट संदेश मिला है। इस स्थिति का विश्लेषण करते हुए, जानें कि कैसे भारत ने अपनी रणनीति के तहत तुर्किए को करारा जवाब दिया और इस क्षेत्र में अपने व्यापारिक हितों की रक्षा की।
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भारत ने तुर्किए को दिया करारा जवाब, भूमध्य सागर में बढ़ाई ताकत

भारत की रणनीति से तुर्किए में हड़कंप

भूमध्य सागर में अपनी शक्ति का अहसास कराने वाले तुर्किए ने भारत के साथ एक गंभीर गलती की है। दरअसल, भारत के त्रिकंड युद्धपोत को घेरने की कोशिश करते हुए तुर्किए ने 18 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिसमें कहा गया कि यदि भारतीय जहाज को नहीं हटाया गया, तो परिणाम गंभीर होंगे। इस चुनौती का भारत ने एक प्रभावी रणनीति के साथ जवाब दिया, जिससे न केवल तुर्किए को सबक मिला, बल्कि सऊदी अरब की चिंता भी बढ़ गई। भारत ने भूमध्य सागर में चार युद्धपोत तैनात कर दिए हैं, जिससे तुर्किए के युद्धपोत किनारे लग गए और उन्हें यह समझ में आ गया कि भारत से टकराना उनके लिए खतरनाक हो सकता है.


भूमध्य सागर का महत्व और तुर्किए का दबदबा

भूमध्य सागर भारत के लिए व्यापारिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। रूस से भारत आने वाला अधिकांश व्यापार इसी मार्ग से गुजरता है। इसके अलावा, कजाखिस्तान और तजाकिस्तान जैसे मध्य पूर्व के देशों के साथ व्यापार भी इसी क्षेत्र से होता है। तुर्किए का इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जबकि अन्य छोटे देश जैसे अजरबैजान, अल्जीरिया, साइप्रस और ग्रीस भी हैं। भारत ने तुर्किए के साथ संबंध सुधारने के लिए कई प्रयास किए थे, जैसे कि तुर्किए में आए भूकंप के समय 'ऑपरेशन दोस्त' चलाना, जिसमें भारत ने सबसे पहले मदद पहुंचाई थी.


तुर्किए के साथ विवाद और भारत की प्रतिक्रिया

तुर्किए के साथ अल्जीरिया, साइप्रस और ग्रीस के बीच विवाद चल रहा है, और ये सभी ईसाई देश हैं। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद इन देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। पीएम मोदी ने साइप्रस का दौरा भी किया था, और इसी मिशन के तहत नौसैनिक अभ्यास किया गया। भारतीय नौसेना के तलवार श्रेणी के युद्धपोत, आईएनएस त्रिकंद को सलामीस में तैनात किया गया था, जिसने 17-18 सितंबर को मायर्टोअन सागर में तीन यूनानी नौसेना के जहाजों के साथ अभ्यास किया।


तुर्किए का अल्टीमेटम और भारत की प्रतिक्रिया

तुर्किए ने भारतीय युद्धाभ्यास को देखकर बौखलाकर 18 घंटे का अल्टीमेटम दिया। तुर्किए भारतीय जहाज को रॉकेट से निशाना बनाने की योजना बना रहा था। इसके जवाब में, भारत ने ब्रह्मोस से लैस तीन और जहाज भेजे, जिसके बाद तुर्किए शांत हो गया। ग्रीस के साथ भारत का नौसैनिक अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा हो गया।