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भारत ने पारंपरिक चिकित्सा में उठाया बड़ा कदम, लॉन्च किया 'आयुष मार्क'

भारत ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'आयुष मार्क' लॉन्च किया है। यह पहल आयुर्वेद, योग, और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों से जोड़ने का प्रयास है। प्रधानमंत्री मोदी ने WHO ग्लोबल समिट में इस मार्क का उद्घाटन किया, जो उपभोक्ताओं के विश्वास को बढ़ाने और भारतीय चिकित्सा की वैश्विक पहचान को मजबूत करेगा। जानें इस नई पहल के बारे में और WHO समिट में हुई अन्य गतिविधियों के बारे में।
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भारत ने पारंपरिक चिकित्सा में उठाया बड़ा कदम, लॉन्च किया 'आयुष मार्क'

नई दिल्ली में आयुष मार्क का उद्घाटन


नई दिल्ली: भारत ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वैश्विक पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने WHO ग्लोबल समिट ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन के समापन पर 'आयुष मार्क' का उद्घाटन किया।


यह पहल आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को अंतरराष्ट्रीय मानकों से जोड़ने में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारत अब पारंपरिक चिकित्सा को वैज्ञानिक और विश्वसनीय स्वास्थ्य प्रणाली का एक मजबूत हिस्सा बनाने की दिशा में अग्रसर है।


आयुष मार्क की विशेषताएँ

आयुष मार्क, आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किया जाने वाला एक विशेष प्रमाणन लेबल है। यह आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी से संबंधित उत्पादों और सेवाओं को दिया जाता है। इसका अर्थ है कि संबंधित उत्पाद या सेवा गुणवत्ता, सुरक्षा और निर्धारित मानकों पर खरी उतरती है। यह लेबल उपभोक्ताओं के विश्वास को बढ़ाने और वैश्विक बाजार में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा की पहचान को मजबूत करने के लिए बनाया गया है।


आयुष मार्क की विशेषताएँ

आयुष मार्क एक नई अवधारणा नहीं है, बल्कि यह पहले से मौजूद आयुष प्रमाणन प्रणाली का उन्नत रूप है। पहले दो स्तर थे- आयुष स्टैंडर्ड मार्क और आयुष प्रीमियम मार्क। स्टैंडर्ड मार्क भारतीय कानून के तहत गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस पर आधारित था, जबकि प्रीमियम मार्क WHO के दिशानिर्देशों के अनुसार निर्धारित किया जाता था। नया आयुष मार्क इन मानकों को जोड़कर एक वैश्विक पहचान बनाने का प्रयास है।


WHO समिट की गतिविधियाँ

यह सम्मेलन 17 से 19 दिसंबर 2025 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित हुआ। इसका विषय था- 'स्वास्थ्य और कल्याण में संतुलन की बहाली।' इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 'माय आयुष इंटीग्रेटेड सर्विसेज पोर्टल' लॉन्च किया, अश्वगंधा पर डाक टिकट जारी किया और योग प्रशिक्षण पर WHO की तकनीकी रिपोर्ट का विमोचन किया। इसके साथ ही योग के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान किए गए।


प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पारंपरिक चिकित्सा को साक्ष्य आधारित और जन-केंद्रित स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बना रहा है। उन्होंने गर्व से बताया कि जामनगर में WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन स्थापित हुआ है। पीएम मोदी के अनुसार, दुनिया ने भारत पर भरोसा जताया है और यह जिम्मेदारी भारत पूरी गंभीरता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निभा रहा है।


WHO की प्रतिक्रिया

WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने भारत की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने पारंपरिक चिकित्सा को विरासत से निकालकर आधुनिक विज्ञान और नीति से जोड़ा है। आयुष मंत्रालय की स्थापना और जामनगर केंद्र को उन्होंने ऐतिहासिक कदम बताया। WHO के अनुसार, इन प्रयासों से पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्वास्थ्य, शोध और सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ने में मदद मिली है।