भारत ने 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण किया, रक्षा क्षमताओं में वृद्धि
भारत ने हाल ही में 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो उसकी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करता है। यह अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल दुश्मन की मिसाइल रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम है। DRDO द्वारा किए गए इस परीक्षण ने भारत की सामरिक शक्ति और आत्मनिर्भरता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। 'प्रलय' का विकास और परीक्षण 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है। इस उपलब्धि से भारतीय सेना की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
Jul 29, 2025, 16:59 IST
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भारत की नई मिसाइल 'प्रलय' का सफल परीक्षण
भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी 'प्रलय' मिसाइल की रेंज क्षमता का सफल परीक्षण किया है। यह उपलब्धि भारत की सामरिक शक्ति और आत्मनिर्भरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 'प्रलय' एक अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है, जो अपने अंतिम उड़ान चरण में युद्धाभ्यास करने की क्षमता रखती है। यह विशेषता इसे दुश्मन की मिसाइल रक्षा प्रणालियों से बचने में मदद करती है।यह सामरिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल गतिशीलता, सटीकता और घातक प्रभाव के लिए डिज़ाइन की गई है। DRDO के वैज्ञानिकों ने परीक्षण के दौरान सभी महत्वपूर्ण मापदंडों की जांच की, और यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। यह 'प्रलय' की विकसित क्षमताओं का प्रमाण है और दर्शाता है कि भारत अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो गया है।
इस सफल परीक्षण से भारतीय सेना की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। 'प्रलय' को दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों, कमांड सेंटरों और अन्य सामरिक संपत्तियों को सटीकता से निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है। इसका सफल विकास और परीक्षण 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में बढ़ती आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है।
यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है जिनके पास इस तरह की उन्नत मिसाइल तकनीक है। 'प्रलय' का सफल परीक्षण न केवल देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में भी भारत की स्थिति को बेहतर बनाता है।