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भारत ने ब्रिक्स समिट में व्यापारिक चुनौतियों पर उठाया सवाल

भारत ने हाल ही में ब्रिक्स समिट में व्यापारिक चुनौतियों पर महत्वपूर्ण सवाल उठाए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की टैरिफ नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि व्यापार को बाधित करने से कोई लाभ नहीं होगा। इस समिट में चीन और रूस के नेताओं ने भी भाग लिया। जयशंकर ने वैश्विक व्यापार प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इसे खुला और निष्पक्ष होना चाहिए। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी अमेरिका की व्यापार चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुटता का आह्वान किया।
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भारत ने ब्रिक्स समिट में व्यापारिक चुनौतियों पर उठाया सवाल

ब्रिक्स समिट में भारत का महत्वपूर्ण बयान

कल्पना कीजिए कि यदि दो राष्ट्र एक-दूसरे से असहमत होते हैं, तो क्या वे एक-दूसरे के उत्पादों पर टैक्स लगा देंगे? क्या यह व्यापार का सही तरीका है? भारत ने ब्रिक्स की आपातकालीन वर्चुअल समिट में इसी मुद्दे को उठाया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि व्यापार को बाधित करने से कोई लाभ नहीं होगा। इस समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा भी शामिल हुए। पहले इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की योजना थी, लेकिन अंततः विदेश मंत्री ने अपनी बात रखी। इस बैठक का उद्देश्य अमेरिका की टैरिफ नीतियों से उत्पन्न व्यापारिक समस्याओं पर चर्चा करना था, जिसमें अमेरिका ने भारत और ब्राजील जैसे देशों पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है.


जयशंकर का बयान

बैठक में, जयशंकर ने बिना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति चिंता का विषय बन गई है। विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के सामने बहुपक्षीय प्रणाली की विफलता स्पष्ट होती जा रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार प्रणाली को खुला और निष्पक्ष होना चाहिए। बाधाओं को बढ़ाने और लेन-देन को कठिन बनाने से कोई मदद नहीं मिलेगी। व्यापार को हमेशा सुगम बनाना चाहिए।


चीन का एकजुटता का आह्वान

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका की व्यापार चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ देशों द्वारा शुरू किए गए व्यापार युद्ध और टैरिफ युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं और नियमों को कमजोर कर रहे हैं।