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भारत ने यूक्रेन को डीजल सप्लाई में नया रिकॉर्ड बनाया

भारत ने जुलाई में यूक्रेन को प्रतिदिन 2,700 टन डीजल निर्यात कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के बावजूद, भारत और रूस के बीच सहयोग मजबूत बना हुआ है। इस लेख में जानें कि कैसे भारत ने यूक्रेन की आवश्यकताओं को पूरा किया और दोनों देशों के बीच के संबंधों की गहराई को समझें।
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भारत ने यूक्रेन को डीजल सप्लाई में नया रिकॉर्ड बनाया

भारत का डीजल निर्यात


जुलाई में यूक्रेन को डीजल की आपूर्ति


भारत ने जुलाई महीने में यूक्रेन को प्रतिदिन 2,700 टन डीजल निर्यात किया। अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहा है, जिसके चलते उसने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। अमेरिका का कहना है कि भारत से प्राप्त धन का उपयोग रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर रहा है। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार, भारत ने न केवल रूस बल्कि यूक्रेन की आवश्यकताओं को भी पूरा करने में मदद की है।


एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जुलाई में यूक्रेन की कुल डीजल मांग का 15.5 प्रतिशत हिस्सा पूरा किया। यह इस साल का सबसे ऊंचा मासिक निर्यात आंकड़ा है। पिछले साल जुलाई में यह आंकड़ा केवल 1.9 प्रतिशत था।


भारत और रूस के बीच सहयोग

भारत और रूस का मजबूत संबंध


जहां अमेरिका भारत और रूस के व्यापारिक संबंधों को समाप्त करने का दबाव बना रहा है, वहीं भारत और रूस ने एक-दूसरे के साथ खड़े रहने का संकल्प लिया है। हाल ही में चीन के तियानजिन में एससीओ समिट के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई।


इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और रूस हमेशा कठिन परिस्थितियों में एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। हमारा सहयोग न केवल हमारे देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा करते रहे हैं और शांति के लिए सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं।'