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भारत ने सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते पर दी प्रतिक्रिया

भारत ने हाल ही में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस समझौते के तहत किसी एक देश पर हमला, दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। भारत को उम्मीद है कि सऊदी अरब आपसी हितों का सम्मान करेगा। जानें इस समझौते का भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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भारत ने सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते पर दी प्रतिक्रिया

सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता

सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत ने हाल ही में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि सऊदी अरब आपसी हितों और संवेदनाओं का ध्यान रखेगा। इस समझौते के अनुसार, यदि किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। भारत ने इस कदम के राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव का अध्ययन करने की बात कही है।


पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए इस रक्षा समझौते ने भारत का ध्यान आकर्षित किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत हुई है। इस समझौते के बाद भारत सतर्कता के साथ इसके प्रभावों का आकलन कर रहा है।


आपसी हितों का सम्मान


रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच गहरे रणनीतिक संबंध हैं। इस समझौते के संदर्भ में भारत को उम्मीद है कि सऊदी अरब आपसी हितों और संवेदनाओं का सम्मान करेगा। भारत इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।




समझौते की पृष्ठभूमि


पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच यह रक्षा समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब हाल ही में कतर में हमास नेतृत्व पर इजरायली हमला हुआ। समझौते के तहत दोनों देशों ने यह घोषणा की है कि किसी एक पर हमला दोनों के खिलाफ माना जाएगा।


भारत की सुरक्षा चिंताएं


विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस समझौते के राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों का गहन अध्ययन करेगा। मंत्रालय ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर भी इसके असर का आकलन करने की बात कही। 


राष्ट्रीय हितों की रक्षा


जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा और व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भारत इस समझौते के प्रभावों पर नजर रखेगा और अपनी नीतियों को मजबूत रखेगा.