भारत ने स्विट्जरलैंड की अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी की निंदा की
भारत ने मानवाधिकार परिषद की बैठक में स्विट्जरलैंड की अल्पसंख्यकों पर की गई टिप्पणी की निंदा की। भारतीय राजनयिक ने स्विट्जरलैंड से आग्रह किया कि वह भारत को उपदेश देने के बजाय अपने देश में नस्लवाद और भेदभाव जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे। इस बयान के बाद, स्विट्जरलैंड ने भारत से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने का आह्वान किया। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
Sep 11, 2025, 15:54 IST
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भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र की 5वीं बैठक में स्विट्जरलैंड द्वारा अल्पसंख्यकों पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा की। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने स्विट्जरलैंड से आग्रह किया कि वह भारत को उपदेश देने के बजाय अपने देश में नस्लवाद, व्यवस्थित भेदभाव और विदेशी द्वेष जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने स्विट्जरलैंड की टिप्पणियों को आश्चर्यजनक, सतही और गलत जानकारी पर आधारित बताया। त्यागी ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा और विविध लोकतंत्र बताते हुए कहा कि यहां बहुलवाद की एक मजबूत परंपरा है। उन्होंने स्विट्जरलैंड को इन मामलों में सहायता की पेशकश भी की।
स्विट्जरलैंड की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया
भारतीय राजनयिक ने कहा कि हमें अपने करीबी मित्र स्विट्जरलैंड द्वारा की गई अज्ञानतापूर्ण टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है। चूंकि स्विट्ज़रलैंड संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का अध्यक्ष है, इसलिए उसे ऐसे झूठे बयानों पर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए जो भारत की वास्तविकता को नहीं दर्शाते। इसके बजाय, स्विट्ज़रलैंड को अपने देश में नस्लवाद और भेदभाव जैसी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारत, जो एक बहुलवादी लोकतंत्र है, स्विट्ज़रलैंड की चिंताओं को दूर करने में मदद करने के लिए तैयार है।
स्विट्जरलैंड का आग्रह
यह प्रतिक्रिया स्विट्जरलैंड द्वारा भारत से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने का आग्रह करने के बाद आई है। स्विट्जरलैंड ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, "भारत में, हम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों को बनाए रखने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान करते हैं।