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भारत पर अमेरिकी टैरिफ की धमकी, ट्रंप का रूस से तेल खरीदने पर दबाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूस से कच्चा तेल खरीदने से रोकने के लिए टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय सामान खरीदने की अपील की है। भारत ने ट्रंप की धमकियों का कोई असर नहीं दिखाया है और रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। अमेरिका का कहना है कि यह कदम रूस को कमजोर करने के लिए आवश्यक है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है और भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के कारण।
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भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूस से कच्चा तेल खरीदने से रोकने के लिए लंबे समय से दबाव बना रखा है। हाल ही में, अमेरिकी प्रशासन ने भारत पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इसके जवाब में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से स्थानीय उत्पादों को अधिक खरीदने की अपील की है। भारतीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा।


ट्रंप की धमकियों का कोई असर नहीं पड़ा है। भारत ने चीन की तरह रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखा है। भारतीय रिफाइनरियों को अपने पसंदीदा स्रोतों से तेल खरीदने की अनुमति है, और सरकार ने रूसी तेल खरीदने पर कोई रोक नहीं लगाई है। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है और कहा है कि यदि भारत रूस से तेल खरीदता रहा, तो और कार्रवाई की जा सकती है।


अमेरिकी सरकार भारत और चीन जैसे देशों पर रूस से कच्चा तेल न खरीदने का दबाव बना रही है। उनका तर्क है कि यह रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में रूस को कमजोर करने के लिए आवश्यक है। ट्रंप का उद्देश्य रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालना है। पश्चिमी देशों का भी मानना है कि रूस से कच्चा तेल खरीदने से वह आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है।


पिछले हफ्ते, ट्रंप ने भारत की आलोचना की थी, यह कहते हुए कि विकासशील देशों के ब्रिक्स समूह में शामिल होने और रूस के साथ संबंधों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है। इस पर काफी विवाद हुआ था।


रविवार को, ट्रंप के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ़ स्टीफ़न मिलर ने भारत को भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं, लेकिन यदि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदता रहा, तो उन पर भारी टैरिफ लगाया जा सकता है।"


भारत और अमेरिका के बीच तनाव केवल रूस के मुद्दे पर नहीं है, बल्कि कई अन्य मुद्दों पर भी बढ़ रहा है। ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से, उन्होंने भारत को कई बार टैरिफ किंग कहा है। अमेरिका भारत से अपने डेयरी और कृषि उत्पादों के लिए बाजार खोलने की मांग करता रहा है, लेकिन भारत ने इसका लगातार विरोध किया है।