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भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव: अखबारों की सप्लाई पर रोक

भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों की बुनियादी सुविधाओं पर पाबंदियां लगाई हैं, जिसके जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान उच्चायोग को अखबारों की सप्लाई रोक दी है। इस विवाद के पीछे वियना कन्वेंशन का उल्लंघन और ISI की रणनीति का आरोप लगाया जा रहा है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बारे में।
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भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव: अखबारों की सप्लाई पर रोक

भारत की जवाबी कार्रवाई

भारत-पाकिस्तान संबंध: ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों की बुनियादी सुविधाओं पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसके जवाब में भारत ने भी कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग को अखबारों की आपूर्ति रोक दी है। पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय उच्चायोग को अखबार भेजना बंद कर दिया था, जिसके चलते भारत ने भी इसी तरह की कार्रवाई की।


पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों की कठिनाइयाँ

सूत्रों के अनुसार, इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों और उनके परिवारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:



  • पाइप गैस की आपूर्ति रोक दी गई है, जिससे उन्हें महंगे सिलेंडर खरीदने पड़े हैं।


  • पैकेज्ड पानी की सप्लाई में रुकावट आई है, जिससे उनकी दैनिक जरूरतें प्रभावित हो रही हैं।


  • भारतीय अधिकारियों के आवास पर अखबारों की डिलीवरी बंद कर दी गई है।


  • इन कदमों को जानबूझकर उत्पीड़न के रूप में देखा जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय राजनयिक मानकों का उल्लंघन कर सकते हैं।



क्या यह वियना कन्वेंशन का उल्लंघन है?

राजनयिक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह व्यवहार 'वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस' का गंभीर उल्लंघन है। इस संधि के अनुसार, मेजबान देश की जिम्मेदारी होती है कि वह विदेशी दूतावासों के सुचारू संचालन, बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता और राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।


भारत की प्रतिक्रिया

सूत्रों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग को अखबार भेजना बंद कर दिया है। हालांकि, इस पर विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस्लामाबाद में समाचार पत्र विक्रेताओं को भारतीय उच्चायोग में अखबार पहुंचाने से रोका गया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह कदम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एक सुनियोजित रणनीति है, जिसका उद्देश्य भारतीय राजनयिकों को प्रिंट मीडिया से नियमित संपर्क से वंचित करना है।


यह ताजा विवाद दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों में एक और कड़ी जोड़ता है। भारत ने पहले ही स्पष्ट किया है कि इस्लामाबाद की किसी भी उकसाने वाली कार्रवाई का उचित जवाब दिया जाएगा।