भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर उठे सवाल: क्या खेलना चाहिए?

महिला क्रिकेट विश्व कप में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, जिस पर पूरे देश में विभिन्न रायें हैं। क्रिकेट और पाकिस्तान के संदर्भ में हर भारतीय खुद को विशेषज्ञ मानता है। हाल ही में यह मुद्दा इसलिए चर्चा में आया है क्योंकि अक्टूबर में महिला क्रिकेट विश्व कप का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें भारत और पाकिस्तान का मैच चार अक्टूबर को निर्धारित है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार, यह मुकाबला श्रीलंका के कोलंबो में होगा। इस कैलेंडर के प्रकाश में, तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने सुझाव दिया है कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलना चाहिए। उनका कहना है कि यदि भारत खेलने से मना करता है, तो दो अंक का नुकसान कोई बड़ी बात नहीं है।
लेकिन सवाल यह है कि यदि पाकिस्तान खेल रहा है और भारत का सामना उसके साथ सेमीफाइनल या फाइनल में होता है, तो उस स्थिति में क्या किया जाएगा? क्या तब भी भारत को खेलने से मना करना चाहिए? यह केवल एक मैच का मामला नहीं है, बल्कि यह एक नीति का मुद्दा है। भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला को बंद कर दिया है और दोनों देश एक-दूसरे का दौरा नहीं करते हैं। हालांकि, आईसीसी के आयोजनों में वे तटस्थ स्थान पर मुकाबला करते हैं। पिछले वर्ष टी20 विश्व कप और फिर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान का सामना हुआ था। अब समय आ गया है कि भारत को इस दोहरे मानदंड को समाप्त करना चाहिए। पहलगाम कांड के बाद भारत ने यह पहल की थी कि पाकिस्तान को आईसीसी से बाहर किया जाए। यदि पाकिस्तान आईसीसी से बाहर नहीं होता है, तो भारत को उसके द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में खेलना होगा।