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भारत-पाकिस्तान क्रिकेट विवाद: थरूर की तीखी प्रतिक्रिया

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया T20 विश्व कप मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है, इसे अशोभनीय और खेल भावना के खिलाफ बताया। थरूर का कहना है कि राजनीतिक तनाव को खेल के मैदान पर नहीं लाना चाहिए। इस विवाद ने खेल और राजनीति के बीच की सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और इसके पीछे की कहानी क्या है।
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भारत-पाकिस्तान क्रिकेट विवाद: थरूर की तीखी प्रतिक्रिया

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विवाद

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा से एक उच्च तनाव और उत्साह का केंद्र रहा है। हाल ही में T20 विश्व कप में पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत के बाद एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है, जिसने खेल और राजनीति दोनों में हलचल मचा दी है। विवाद का कारण है मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों का पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाना।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। थरूर, जो अपने स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं, ने भारतीय क्रिकेट टीम के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे "अशोभनीय" करार देते हुए कहा कि यह खेल भावना के खिलाफ है।


थरूर ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिक तनाव अपनी जगह है, लेकिन खेल के मैदान पर खेल भावना का सम्मान सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं यह देखकर हैरान हूं कि भारतीय टीम ने मैच के बाद पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया। यह अशोभनीय है और यह क्रिकेट नहीं है।"


उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच चाहे कितनी भी कड़वाहट हो, खिलाड़ियों से हमेशा मैदान पर सम्मान और गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। हाथ मिलाना केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह प्रतिद्वंद्वी के प्रति सम्मान और खेल की गरिमा का प्रतीक है।


थरूर का यह बयान उस समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला कई वर्षों से बंद है और दोनों टीमें केवल ICC टूर्नामेंटों में ही आमने-सामने आती हैं।


भारतीय टीम के इस कदम का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसने एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया है: क्या खिलाड़ियों को मैदान के बाहर के तनाव को मैदान पर लाना चाहिए? क्या राष्ट्रवाद की भावना खेल भावना पर हावी हो सकती है? क्या यह कदम जानबूझकर उठाया गया था या यह एक अनजाने में हुई गलती थी? जबकि कई लोग थरूर की बात से सहमत हैं और इसे खेल की गरिमा पर हमला मानते हैं, वहीं कुछ लोग टीम के समर्थन में भी खड़े हैं, यह कहते हुए कि मौजूदा हालात में यह एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो सकती है।