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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच रूस का पाकिस्तान के साथ बड़ा आर्थिक समझौता

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, रूस ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक समझौता किया है, जिसमें कराची में एक स्टील प्लांट की स्थापना शामिल है। यह परियोजना 2015 से बंद पड़ी पाकिस्तान स्टील मिल्स को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है। इस डील को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए राहत माना जा रहा है, लेकिन यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से चिंताजनक हो सकती है। जानें इस समझौते के संभावित प्रभाव और भारत की प्रतिक्रिया के बारे में।
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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच रूस का पाकिस्तान के साथ बड़ा आर्थिक समझौता

रूस और पाकिस्तान के बीच आर्थिक समझौता

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में, रूस ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक समझौता किया है, जो रणनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है। इस समझौते के तहत कराची में एक अत्याधुनिक स्टील प्लांट की स्थापना की जाएगी। यह परियोजना 2015 से बंद पड़ी सोवियत-निर्मित पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है। लगभग 2.6 अरब डॉलर (करीब 22,000 करोड़ रुपये) की इस डील को पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।


स्टील प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया

स्टील प्लांट की स्थापना 


इस स्टील प्लांट की स्थापना 1970 के दशक में सोवियत संघ के सहयोग से की गई थी, लेकिन 2015 में यह आर्थिक और तकनीकी कारणों से बंद हो गया। अब रूस की मदद से इसे फिर से चालू किया जाएगा और आधुनिक स्टील निर्माण तकनीकों से लैस किया जाएगा। इससे पाकिस्तान की स्टील के आयात पर निर्भरता में लगभग 30% की कमी आने की संभावना है।


रूसी प्रतिनिधि डेनिस नजरूफ और पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस परियोजना की पुष्टि की है। मार्च 2025 में पाकिस्तान ने स्टील स्क्रैप और अर्ध-निर्मित उत्पादों पर 324 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। इस प्लांट से न केवल आयात बिल में कमी आएगी, बल्कि हजारों नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे, जिससे कराची और आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।


भारत के लिए इस डील का क्या मतलब?

क्या ये डील भारत के लिए चिंताजनक?


हालांकि यह डील पूरी तरह से आर्थिक है, लेकिन भारत के लिए यह रणनीतिक दृष्टिकोण से चिंताजनक हो सकती है। खासकर जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हैं। रूस ने दोनों पक्षों को शांत रहने की अपील की है, लेकिन भारत को रूस का यह तटस्थ रवैया असहज कर सकता है।


पिछले कुछ वर्षों में रूस और पाकिस्तान के संबंधों में स्पष्ट मजबूती आई है। सस्ते कच्चे तेल की डील, कराची-लाहौर गैस पाइपलाइन और समुद्री व्यापार सेवा इसकी मिसालें हैं। हालांकि, रूस ने स्पष्ट किया है कि वह भारत को एक रणनीतिक साझेदार और पाकिस्तान को व्यापारिक सहयोगी मानता है।


फिलहाल, भारत ने इस डील पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। रूस के साथ भारत के सैन्य और औद्योगिक संबंध अभी भी गहरे हैं, जिनमें हालिया INS तमाला युद्धपोत और ब्रह्मोस यूनिट शामिल हैं।