भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सुरक्षा अभ्यास: ऑपरेशन शील्ड की तैयारी

सुरक्षा को लेकर बढ़ी सतर्कता
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, देश में सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जा रहा है। इस संदर्भ में, 7 मई को आयोजित नागरिक सुरक्षा अभ्यास के बाद, शनिवार को कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑपरेशन शील्ड के तहत नागरिक सुरक्षा अभ्यास (सिविल डिफेंस ड्रिल) का आयोजन किया जाएगा। प्रमुख राज्यों में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। इस अभ्यास को पहले 29 मई को आयोजित करने की योजना थी, लेकिन इसे अब 31 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
राज्यों में अलग-अलग कार्यक्रम
31 मई को होने वाले ऑपरेशन शील्ड के तहत विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अमृतसर, पंजाब में रात 8 से 8:30 बजे के बीच ब्लैकआउट होगा, लेकिन स्वर्ण मंदिर और हवाई अड्डे के आसपास के गांवों में कोई ब्लैकआउट नहीं होगा। इसके अलावा, शाम 5 से 6 बजे तक आपातकालीन सेवाओं की मॉक ड्रिल भी की जाएगी।
हरियाणा और राजस्थान में अभ्यास
हरियाणा में 22 जिलों में शाम 5 बजे से अभ्यास शुरू होगा, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इस अभ्यास में लगभग 32,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक भाग लेंगे। महत्वपूर्ण स्थानों के पास रात 8 से 8:15 बजे तक 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट रहेगा, जबकि अस्पताल, अग्निशामक केंद्र और पुलिस स्टेशनों को इससे बाहर रखा जाएगा।
राजस्थान के सभी 41 जिलों में एक साथ समन्वित मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का आयोजन किया जाएगा। नागरिक सुरक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जम्मू-कश्मीर में भी मॉक ड्रिल रात 8 से 8:15 बजे तक की जाएगी। प्रशासन ने जनता से अनुरोध किया है कि सायरन बजते ही सभी प्रकाश स्रोत बंद कर दें, जिसमें इन्वर्टर लाइट, सोलर लाइट, मोबाइल लाइट, टॉर्च और वाहन की रोशनी शामिल हैं।
अभ्यास का उद्देश्य
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करना और संभावित खतरों या हमलों के खिलाफ बेहतर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। मॉक ड्रिल के दौरान, ड्रोन हमलों की स्थिति में सैन्य स्टेशनों के परिवारों को निकालने, चिकित्सा टीमों की तैनाती और रक्त इकाइयों के परिवहन जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, केंद्रीय स्तर पर नियंत्रित हवाई हमले की सायरन बजाई जाएंगी और नागरिक इलाकों में पूर्ण ब्लैकआउट किया जाएगा ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।