भारत-पाकिस्तान तनाव: विदेश मंत्री जयशंकर ने वैश्विक मुद्दों पर की चर्चा

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का वैश्विक संदर्भ
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में यूरोपीय मीडिया प्लेटफॉर्म Euractiv को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव केवल द्विपक्षीय विवाद नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक वैश्विक समस्या है, जो आतंकवाद से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि जो आतंकी घटनाएं वर्तमान में भारत में हो रही हैं, वे भविष्य में पश्चिमी देशों के लिए भी चिंता का विषय बन सकती हैं।
ओसामा बिन लादेन पर कटाक्ष
कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत पर वैश्विक प्रतिक्रिया को लेकर जयशंकर ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसे केवल क्षेत्रीय तनाव के रूप में खारिज करना गलत है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा कि ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को पाकिस्तान के सैन्य शहर में वर्षों तक शरण कैसे मिली?
यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात
जयशंकर ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद यूरोप की यात्रा की और यूरोपीय संघ के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने भारत को एक भरोसेमंद, मूल्य-आधारित और दीर्घकालिक साझेदार के रूप में प्रस्तुत किया। मुक्त व्यापार समझौते की चर्चा के दौरान, उन्होंने भारत की आर्थिक ताकत और 1.4 अरब लोगों की कुशल जनशक्ति को उजागर किया।
भारत की नीति और दृष्टिकोण
रूस-यूक्रेन युद्ध पर, जयशंकर ने भारत के संतुलित दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि भारत किसी एक पक्ष का समर्थन नहीं करता और न ही समाधान थोपने का प्रयास करता है। उन्होंने भारत के अलग रुख का बचाव करते हुए कहा कि हर देश अपनी ऐतिहासिक अनुभव और हितों के आधार पर नीति बनाता है।
अंतरराष्ट्रीय नैतिकता पर सवाल
उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा भारत की ऐतिहासिक उपेक्षा की याद दिलाई और कहा कि आज जो देश अंतरराष्ट्रीय नैतिकता की बात करते हैं, वही कभी भारत की संप्रभुता पर हमलों को नजरअंदाज करते थे। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत यूरोपीय संघ की जलवायु नीतियों, विशेषकर CBAM जैसे तंत्र पर सवाल उठाता है, क्योंकि यह विकासशील देशों पर अनुचित बोझ डालता है।
भारत का दृष्टिकोण अमेरिका और चीन के संबंध में
अंत में, अमेरिका और चीन पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि भारत हर संबंध को अपने राष्ट्रीय हितों के संदर्भ में देखता है, चाहे अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कोई भी हो। उन्होंने भारत को डेटा और सप्लाई चेन के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय विकल्प बताया।