भारत-पाकिस्तान मैच में हाथ न मिलाने पर विवाद, पूर्व क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया

भारत की जीत और विवादास्पद हाथ न मिलाना
नई दिल्ली। एशिया कप में रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच में जीत से ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। भारत ने मुकाबला जीत लिया, लेकिन इस जीत के साथ-साथ भारतीय कप्तान और टीम के खिलाड़ियों के हाथ न मिलाने के फैसले पर भी बहस छिड़ गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ी सलमान अली आगा ने पोस्ट-मैच प्रजेंटेशन का बहिष्कार किया और उनकी टीम ने रेफरी के सामने औपचारिक विरोध भी दर्ज कराया।
पाकिस्तान के कई पूर्व क्रिकेटर इस पर नाराजगी जता रहे हैं। पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कहा कि अगर यह मामला पहलगाम से जुड़ा है, तो जंग ही लड़ लेते। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस स्थिति में पूरी तरह से लड़ाई करनी चाहिए थी।
भारत में पाकिस्तान के खिलाफ मैच को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश और बॉयकॉट ट्रेंड चल रहे हैं। भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, और कप्तान तथा खिलाड़ियों ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया। बीसीसीआई और सरकार के निर्णय के अनुसार खेलना या न खेलना उनके हाथ में नहीं था। भारतीय टीम ने पहले पाकिस्तान को मैदान में हराया और फिर यह संदेश भी दिया कि 'दिल मिले या न मिले, हाथ मिलाते रहिए'।
भारतीय टीम के इस कदम से पाकिस्तान का तिलमिलाना स्वाभाविक था। मैच हारने के बाद, भारतीय टीम ने कोई भाव नहीं दिया। राशिद लतीफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ है, तो उन्हें जिम्मेदार लोगों को पकड़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध पहले भी हुए हैं, लेकिन हमेशा हाथ मिलाने की परंपरा रही है।
इससे पहले, शोएब अख्तर ने कहा था कि क्रिकेट मैच को राजनीतिक मत बनाओ, क्योंकि झगड़ा तो हर घर में होता है।