भारत-पाकिस्तान संघर्ष: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का संदर्भ
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को आतंकवाद के खिलाफ एक वैश्विक लड़ाई के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह केवल दो पड़ोसियों के बीच का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सभी देशों को प्रभावित करेगा। जयशंकर ने यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक संबंधों पर भी जोर दिया और कहा कि भारत चीन की तुलना में अधिक विश्वसनीय साझेदार है। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर उनके विचार और भारत की रणनीति।
Jun 11, 2025, 16:49 IST
| 
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया टकराव को केवल दो पड़ोसियों के बीच संघर्ष नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक वैश्विक लड़ाई के रूप में देखा। उन्होंने यूरोप की यात्रा के दौरान यूरैक्टिव को बताया कि यह महत्वपूर्ण है कि दुनिया समझे कि यह सिर्फ भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है।
जयशंकर ने कहा कि ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी, जो वर्षों तक एक पाकिस्तानी सैन्य शहर में सुरक्षित रहे, इस बात का प्रमाण हैं कि आतंकवाद का खतरा सभी को प्रभावित करेगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आलोचना की, जो इसे दो परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच प्रतिशोध के रूप में पेश कर रहा था।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे पर सटीक हमले किए।
यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक संबंध
जयशंकर ने यूरोपीय समाचार वेबसाइट 'यूरैक्टिव' के साथ एक साक्षात्कार में भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार की वकालत की। उन्होंने कहा कि 1.4 अरब की जनसंख्या वाला भारत चीन की तुलना में अधिक कुशल श्रम और विश्वसनीय आर्थिक साझेदारी प्रदान करता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चली जमीनी शत्रुता 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद समाप्त हुई, जिसमें सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी। जब उनसे पूछा गया कि भारत पश्चिमी देशों के रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल क्यों नहीं हुआ, तो जयशंकर ने कहा कि मतभेदों को युद्ध के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता।