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भारत-पाकिस्तान संघर्ष: पाकिस्तान की आंतरिक विफलताओं पर भारत का करारा जवाब

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा पर हो रही हिंसा के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। भारत ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए पाकिस्तान की आंतरिक विफलताओं को उजागर किया है। जानें इस संघर्ष के पीछे की सच्चाई और पाकिस्तान के आतंकवाद के समर्थन के इतिहास के बारे में।
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भारत-पाकिस्तान संघर्ष: पाकिस्तान की आंतरिक विफलताओं पर भारत का करारा जवाब

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव


पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर जारी तनाव में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। तालिबान के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से पराजित किया है, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इस स्थिति में, पाकिस्तान ने अफगान सीमा पर हो रही हिंसा के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया, जिस पर भारत ने कड़ा जवाब दिया और कहा कि यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है।


पाकिस्तान के आरोपों पर भारत का स्पष्टीकरण

तालिबान के प्रॉक्सी युद्ध से परेशान पाकिस्तान ने अब इन हमलों के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है। विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया। मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान की आंतरिक विफलताओं को पड़ोसी देशों पर थोपने की पुरानी प्रथा का हिस्सा है।


आतंकवाद का समर्थन करने का पाकिस्तान का इतिहास

गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों को समर्थन और पनाह देने का रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि तीन बातें स्पष्ट हैं: पहला, पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है; दूसरा, अपनी विफलताओं के लिए पड़ोसियों को दोष देना उसकी पुरानी आदत है; और तीसरा, पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफगानिस्तान उसके क्षेत्रों पर संप्रभुता का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है।


पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच झड़पें

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक हफ्ते में दो बार झड़पें हुई हैं। अफगान बलों द्वारा पाकिस्तानी क्षेत्र पर जवाबी हमले के बाद हिंसा बढ़ गई, जिसमें सैनिकों और नागरिकों सहित कई लोग हताहत हुए। पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान पर पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) के लड़ाकों को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है, जबकि काबुल इन आरोपों को खारिज करता रहा है।