भारत-पाकिस्तान हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध बढ़ाया गया

भारत-पाकिस्तान हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध
भारत-पाकिस्तान हवाई क्षेत्र: भारत ने पाकिस्तान से पंजीकृत विमानों और पाकिस्तान एयरलाइंस द्वारा संचालित उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश पर रोक को 24 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इसमें सैन्य विमानों को भी शामिल किया गया है। इसी प्रकार, पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र में उड़ान पर रोक जारी रखी है। दोनों देशों ने इस संबंध में अलग-अलग नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किए हैं।
प्रतिबंध की पृष्ठभूमि
यह प्रतिबंध पहली बार 30 अप्रैल को लागू किया गया था, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। उस समय भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए यह रोक 24 मई तक लागू की थी, जिसे अब हर महीने बढ़ाया जा रहा है। भारत द्वारा जारी ताजा NOTAM के अनुसार, यह प्रतिबंध 23 सितंबर की रात 11:59 बजे (यूटीसी समय) तक प्रभावी रहेगा, जो भारतीय समयानुसार 24 सितंबर सुबह 5:30 बजे तक है।
हवाई क्षेत्र का उपयोग
भारत के हवाई क्षेत्र का उपयोग: भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सीधी वाणिज्यिक उड़ानें नहीं हैं। हालांकि, पाकिस्तान की एयरलाइंस अपने विमानों को सिंगापुर, मलेशिया और अन्य पूर्व एशियाई देशों की उड़ानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति लेती हैं। एक वरिष्ठ एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के अनुसार, वर्तमान में पाकिस्तान एयरलाइंस की उड़ानों की संख्या बहुत सीमित है जो भारत के हवाई क्षेत्र का उपयोग कर रही हैं।
भारत के सख्त कदम
पाकिस्तान पर कई सख्त कदम: पहलगाम हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए। 23 अप्रैल को भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की, अटारी के एकमात्र संचालित जमीनी सीमा पार को बंद किया और कूटनीतिक संबंधों को घटा दिया। भारत ने इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका को जिम्मेदार ठहराया था।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद: इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया और भारत के साथ सभी व्यापारिक रिश्ते, यहां तक कि तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार को भी रोक दिया। इसके साथ ही, पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि को रद्द करने के भारत के निर्णय को खारिज करते हुए चेतावनी दी कि यदि भारत ने पानी का प्रवाह रोका, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।