भारत बना कोयला उत्पादन में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति
भारत ने कोयला उत्पादन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जिससे यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। चीन के बाद भारत का उत्पादन 1085.1 मिलियन टन है, जो अमेरिका और इंडोनेशिया जैसे देशों को पीछे छोड़ता है। यह सफलता भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। हालांकि, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से कोयले पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया जा रहा है। जानें इस विषय पर और क्या विशेषज्ञों का कहना है और भारत का भविष्य क्या हो सकता है।
Jul 26, 2025, 17:09 IST
| भारत का कोयला उत्पादन
भारत ने कोयला उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है और अब यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। चीन, जो 4780.0 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करता है, इस सूची में पहले स्थान पर है। भारत का उत्पादन 1085.1 मिलियन टन है, जो अमेरिका, इंडोनेशिया और तुर्की जैसे देशों को पीछे छोड़ने में सफल रहा है।एनर्जी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी की गई 2024 की विश्व ऊर्जा सांख्यिकी समीक्षा में भारत को कोयला उत्पादन में एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में मान्यता दी गई है। चीन का उत्पादन भारत के मुकाबले चार गुना अधिक है, जो उसकी औद्योगिक और ऊर्जा की मांग को दर्शाता है। फिर भी, भारत का 1085.1 मिलियन टन का उत्पादन भी कम नहीं है, जो देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में उसके प्रयासों को दर्शाता है।
भारत में कोयला बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत है, और इस क्षेत्र में वृद्धि वैश्विक बाजार में उसकी स्थिति को मजबूत कर रही है। इंडोनेशिया 836.1 मिलियन टन के साथ चौथे स्थान पर है, जबकि अमेरिका 464.6 मिलियन टन के साथ उसके बाद आता है। ऑस्ट्रेलिया (462.9 मिलियन टन) और रूस (427.2 मिलियन टन) भी भारत से पीछे हैं। तुर्की का उत्पादन 87.0 मिलियन टन रहा, जो भारत की तुलना में काफी कम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोयला उत्पादन में वृद्धि ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से कोयले पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया जा रहा है। भारत सरकार नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है, लेकिन कोयला अभी भी देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
दक्षिण अफ्रीका, कज़ाकिस्तान, मंगोलिया और जर्मनी जैसे देश भी इस सूची में शामिल हैं, लेकिन भारत का प्रदर्शन इन सभी से बेहतर है। यह सफलता भारत की खनन और विनिर्माण क्षमताओं का प्रमाण है। भविष्य में भारत का कोयला क्षेत्र और मजबूत होगा, लेकिन सतत विकास के लिए हरित ऊर्जा की ओर बदलाव भी आवश्यक है।