भारत-बांग्लादेश सीमा पर BSF जवान का अपहरण: जानें पूरी कहानी

तनावपूर्ण घटना का विवरण
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई, जब सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा पूछताछ के दौरान जबरन खींचकर बांग्लादेश ले जाया गया। यह घटना तब हुई जब जवान चांदनी चौक बॉर्डर पोस्ट के निकट संदिग्ध व्यक्तियों से सवाल कर रहा था। कुछ घंटों बाद, भारत और बांग्लादेश की सीमा बलों के बीच एक फ्लैग मीटिंग के बाद जवान को सुरक्षित वापस लाया गया।
जांच में सामने आई सच्चाई
BSF की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जवान भारतीय सीमा में ही था जब उसे जबरन खींचकर सीमा पार किया गया। पहले यह माना जा रहा था कि जवान गलती से सीमा पार कर गया था, लेकिन जांच ने यह साबित कर दिया कि यह एक सुनियोजित अपहरण था।
घटना का क्रम
घटना में शामिल जवान श्री गणेश, BSF की 71वीं बटालियन से हैं। वह सुबह चांदनी चौक बीओपी क्षेत्र में गश्त पर थे, जब कुछ बांग्लादेशी नागरिकों ने उन्हें बातचीत के बहाने बुलाया। BSF के सूत्रों के अनुसार, यह घटना सत्राशिया गांव (चपाई नवाबगंज जिला, बांग्लादेश) की सीमा पर हुई, जहां स्थानीय लोगों ने जवान को पकड़कर सीमा पार खींच लिया।
वीडियो में दिखी घटना
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें जवान को एक केले के पेड़ से बांधा गया है। वीडियो में कुछ लोग उन्हें अपशब्द कहते हुए और कुछ ने उनके साथ मारपीट करते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, BSF अधिकारियों ने इस मारपीट की बात से इनकार किया है।
BSF अधिकारी की प्रतिक्रिया
BSF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जवान ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें सामान्य ग्रामीण समझकर पास आने दिया, लेकिन वे अपराधी निकले और जवान को काबू कर सीमा पार ले गए। अब हम इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगे। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि जवान को कोई गंभीर चोट नहीं आई है।
फ्लैग मीटिंग के बाद रिहाई
BSF और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के बीच एक फ्लैग मीटिंग के बाद जवान को सुरक्षित भारत लौटाया गया। यह घटना दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। हालांकि, BSF ने इस घटना के बाद उस क्षेत्र में गश्त और निगरानी को और सख्त कर दिया है।