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भारत-मध्य एशिया वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की प्रशंसा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में आयोजित चौथे भारत-मध्य एशिया वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की सराहना की। उन्होंने पहलगाम में हुए हमले की निंदा करने के लिए मध्य एशियाई देशों के समर्थन की प्रशंसा की। इस वार्ता में व्यापार, रक्षा, और नई प्रौद्योगिकियों में सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई गई। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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भारत-मध्य एशिया वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की प्रशंसा

विदेश मंत्री जयशंकर की महत्वपूर्ण टिप्पणी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में चौथे भारत-मध्य एशिया वार्ता के उद्घाटन भाषण में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए मध्य एशियाई देशों की एकजुटता की सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं आपके देशों की सराहना करता हूं कि आपने भारत के साथ खड़े होकर इस जघन्य हमले की निंदा की।"


इस वार्ता में कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया। जयशंकर ने कहा कि भारत और मध्य एशिया के बीच सदियों पुरानी सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंध हैं, जो समय के साथ मजबूत हुए हैं।


उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मध्य एशिया की यात्रा ने सहयोग को बढ़ावा दिया है। जयशंकर ने कहा, "हमने पिछले तीन दशकों में अपने संबंधों को मजबूत किया है और अब हम एक-दूसरे के साथ सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"


उन्होंने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) छात्रवृत्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये विकास साझेदारी के महत्वपूर्ण पहलू हैं।


जयशंकर ने भारत-मध्य एशिया व्यापार परिषद की बैठक में हुई चर्चाओं पर भी जोर दिया, जिसमें डिजिटल प्रौद्योगिकी और फिनटेक में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने कहा कि भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापार, रक्षा, कृषि, शिक्षा और नई प्रौद्योगिकियों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता है।


भारत-मध्य एशिया वार्ता का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, जिसमें सुरक्षा, आतंकवाद निरोध और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।