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भारत में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

भारत में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, खासकर दिल्ली में। हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद, पुलिस ने 470 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की और उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की। जानें इस अभियान के बारे में और अधिक जानकारी।
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भारत में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

भारत में अवैध प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई

भारत में अवैध प्रवासी: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, दिल्ली और अन्य राज्यों में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने पिछले एक महीने में एक बड़ा अभियान चलाया, जिसमें बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे 470 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की गई। इसके साथ ही, अन्य देशों के 50 नागरिक भी अवैध रूप से निवास करते पाए गए।


इन अवैध प्रवासियों को गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से त्रिपुरा के अगरतला भेजा गया, जहां से उन्हें जमीनी रास्ते से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया। पिछले साल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस और इमिग्रेशन विभाग को अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के लिए निर्देशित किया था।


क्षेत्रीय रजिस्ट्रेशन ऑफिस को सौंपे गए प्रवासी

प्रवासी एफआरआरओ को सौंपे गए:


सभी अवैध प्रवासियों को विदेशियों के क्षेत्रीय रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) को सौंपा गया। एफआरआरओ ने उन्हें ट्रेन और सड़क मार्ग से बांग्लादेश सीमा के निकट पूर्वी राज्यों तक पहुंचाने की व्यवस्था की। वहां से उन्हें सीमा द्वारों के माध्यम से वापस भेजा गया।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले महीने हिंडन एयरबेस से लगभग 3 से 4 विशेष उड़ानों के जरिए इन अवैध प्रवासियों को अगरतला लाया गया। पिछले छह महीनों में कुल मिलाकर लगभग 700 अवैध प्रवासियों को वापस भेजा गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के सभी 15 जिलों को वेरिफिकेशन अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।


हिरासत में लिए जाएंगे अवैध प्रवासी

अवैध प्रवासियों की हिरासत:


डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) को अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को हिरासत में लेने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके बाद, दिल्ली पुलिस की पहली बटालियन और एफआरआरओ के अधिकारी गिरफ्तार व्यक्तियों को ट्रेन से पश्चिम बंगाल ले गए, जहां उन्हें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया गया, जिसने उन्हें बांग्लादेश वापस भेज दिया। इसके अलावा, इन प्रवासियों को भारत में बसाने में मदद करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।