भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: मतदान प्रक्रिया और उम्मीदवारों की जानकारी

भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का मतदान
भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: आज, 9 सितंबर को भारत में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा। इस चुनाव में NDA ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान सुबह 10 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा। इसके तुरंत बाद मतगणना की जाएगी और परिणाम घोषित किए जाएंगे। मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिसके बाद यह पद खाली हो गया। चुनाव आयोग ने 7 अगस्त को इस पद के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी की थी।
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले
कौन करता है उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान?
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में कुल 788 सांसद मतदान करते हैं, जिसमें लोकसभा के 543, राज्यसभा के 233 निर्वाचित और राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तिथि निर्धारित करने के समय, लोकसभा और राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों की संख्या के आधार पर ही वोटिंग होती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया कैसी होती है?
संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से किया जाता है, जो लोकसभा और विधानसभा चुनावों से भिन्न है। इस प्रक्रिया में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम का उपयोग किया जाता है। मतदाता बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों के आगे अपनी प्राथमिकता को रोमन अंकों में अंकित करते हैं, जैसे पहली पसंद के लिए 'I', दूसरी के लिए 'II', और इसी तरह। यदि किसी उम्मीदवार को आवश्यक कोटे के बराबर प्रथम वरीयता वाले वोट मिलते हैं, तो उसे विजेता घोषित किया जाता है।
मतगणना की प्रक्रिया
मतगणना की विशेष प्रक्रिया
यदि पहले राउंड में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है और उसके वोटों की दूसरी प्राथमिकता गिनी जाती है। यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है जब तक कोई एक उम्मीदवार निर्धारित संख्या में वोट प्राप्त नहीं कर लेता। मतों का ट्रांसफर और पुनर्गणना इस चुनाव का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में अंतर
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में क्या अंतर है?
राष्ट्रपति चुनाव में सभी निर्वाचित सांसदों और राज्यों के विधायकों का वोट होता है, जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सदस्य वोट नहीं डाल सकते, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में वे भी मतदान कर सकते हैं।
EVM का उपयोग न करने का कारण
उपराष्ट्रपति चुनाव में EVM का उपयोग क्यों नहीं होता?
इस चुनाव में ईवीएम का प्रयोग नहीं किया जाता क्योंकि इसमें वरीयता आधारित मतगणना की जाती है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, ईवीएम को इस प्रणाली के लिए नहीं बनाया गया है। ईवीएम केवल मतों की वाहक होती हैं, जबकि आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत वरीयता के आधार पर मतों की गिनती करनी होती है। इसके लिए ईवीएम में अलग तकनीक का उपयोग करना होगा। इसलिए उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान और बैलेट पेपर का ही प्रयोग किया जाता है।
उपराष्ट्रपति बनने की योग्यता
कौन बन सकता है उपराष्ट्रपति?
उपराष्ट्रपति पद के लिए वही व्यक्ति योग्य होता है जो भारत का नागरिक हो, जिसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष हो और जो राज्यसभा का सदस्य बनने की पात्रता रखता हो। इसके अलावा, उम्मीदवार को एक निर्धारित संख्या में संसद सदस्यों द्वारा प्रस्तावित और समर्थित होना आवश्यक है।