भारत में एनसीसी दिवस 2025: अनुशासन और समर्पण का उत्सव
एनसीसी दिवस का उत्सव
नई दिल्ली: आज भारत में एनसीसी दिवस 2025 को पूरे उत्साह और गर्व के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय कैडेट कोर के 78वें स्थापना दिवस पर देशभर में कैडेट्स द्वारा परेड, ड्रिल और विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से अनुशासन और समर्पण का संदेश फैलाया जा रहा है। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शुभकामनाएं एवं कैप्शन साझा किए जा रहे हैं। एनसीसी, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों की युवा शाखा माना जाता है, की स्थापना 15 जुलाई 1948 को हुई थी।
एनसीसी दिवस का महत्व
हालांकि एनसीसी दिवस हर साल नवंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है, लेकिन 1947 में इसी दिन दिल्ली में पहली एनसीसी इकाइयों की स्थापना हुई थी। यह दिन केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि उन मूल्यों का उत्सव है जो युवाओं को नेतृत्व, अनुशासन और राष्ट्र सेवा की ओर प्रेरित करते हैं।
राज्यों में कैडेट्स की गतिविधियाँ
एनसीसी दिवस के अवसर पर विभिन्न राज्यों में भव्य परेड, राइफल ड्रिल, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है। कैडेट्स राष्ट्रसेवा की भावना के साथ अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं।
सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं की बाढ़
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एनसीसी दिवस 2025 से जुड़े संदेश, प्रेरक उद्धरण, कैप्शन और फोटो तेजी से वायरल हो रहे हैं। कैडेट्स एक-दूसरे को अनुशासन, साहस और सेवा की भावना के साथ आगे बढ़ने की शुभकामनाएं भेज रहे हैं।
एनसीसी के इतिहास का सम्मान
इस अवसर पर एनसीसी के 1948 से अब तक के सफर को याद किया गया। स्थापना से लेकर अब तक एनसीसी ने देश को लाखों अनुशासित युवा दिए हैं, जिन्होंने सेना, पुलिस, सरकारी सेवाओं और निजी क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
युवाओं के लिए प्रेरणा का दिन
एनसीसी दिवस युवाओं को यह याद दिलाता है कि उनका प्रशिक्षण केवल कैंप या परेड तक सीमित नहीं है। यह नेतृत्व, निर्णय क्षमता और समाज के प्रति जिम्मेदारी समझने का माध्यम है। यह दिन कैडेट्स को अधिक आत्मविश्वासी और उद्देश्यपूर्ण बनने के लिए प्रेरित करता है।
वर्दी और अनुशासन का उत्सव
कई कैडेट्स और पूर्व कैडेट्स ने बताया कि एनसीसी दिवस उन्हें उन सुबह-सुबह की ड्रिल, दोस्ती और चुनौतियों से भरे दिनों की याद दिलाता है। यह वर्दी केवल कपड़ा नहीं, बल्कि समर्पण और चरित्र की निशानी है। एनसीसी का अनुभव जीवनभर साथ रहता है।
