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भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़े, 24 घंटे में 6 मौतें

भारत में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें पिछले 24 घंटों में 306 नए मामले और 6 मौतें शामिल हैं। सक्रिय मामलों की संख्या 7,121 तक पहुंच गई है। केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में स्थिति गंभीर बनी हुई है। केंद्र सरकार ने अस्पतालों की तैयारियों का आकलन करने के लिए मॉक ड्रिल शुरू की है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़े, 24 घंटे में 6 मौतें

भारत में कोविड-19 की स्थिति

भारत में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि: 24 घंटे में 6 मौतें, 7,000 से अधिक सक्रिय मामले: देश में कोविड-19 के मामलों में फिर से चिंता बढ़ रही है। पिछले 24 घंटों में 306 नए मामले सामने आए हैं, जिससे सक्रिय मामलों की कुल संख्या 7,121 हो गई है।


इस अवधि में महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में कुल छह लोगों की मृत्यु हुई है, जिसमें एक 87 वर्षीय महिला और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बुजुर्ग शामिल हैं।


केंद्र सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए अस्पतालों की तैयारियों का आकलन करने के लिए एक राष्ट्रीय मॉक ड्रिल शुरू की है, ताकि ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। यह दर्शाता है कि कोविड-19 अभी भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और सतर्क रहना आवश्यक है।भारत में कोविड-19 के मामले


केरल में कोविड-19 की स्थिति सबसे गंभीर है, जहां एक दिन में 170 नए मामले सामने आए और सक्रिय मामलों की संख्या 2,223 हो गई। गुजरात में 114 नए मामले और 1,223 सक्रिय मामले हैं, जबकि कर्नाटक में 100 नए मामले और 459 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।


दिल्ली में भी 66 नए मामले सामने आए, जिससे शहर में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 757 हो गई। केरल में मरने वालों में उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीज शामिल थे। वहीं, महाराष्ट्र में एक 43 वर्षीय व्यक्ति की सांस लेने में कठिनाई के कारण मृत्यु हो गई। झारखंड में भी इस वर्ष की पहली कोविड मृत्यु दर्ज की गई, जहां रांची के एक 44 वर्षीय मरीज ने दम तोड़ दिया।


केंद्र सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अस्पतालों में पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। 2 और 3 जून को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में तकनीकी समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें देश की तैयारियों का आकलन किया गया।


अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मामले हल्के हैं और मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। फिर भी, यह स्थिति जनता के लिए एक चेतावनी है कि मास्क और सामाजिक दूरी जैसे सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।