Newzfatafatlogo

भारत में कोविड-19 मामलों में वृद्धि, कुल मौतें 77 तक पहुंची

भारत में कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसमें सक्रिय मामलों की संख्या 71,54 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में तीन और मौतें हुई हैं, जिससे कुल मौतों की संख्या 77 हो गई है। राहत की बात यह है कि 8,000 से अधिक लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। नए ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के कारण मामलों में वृद्धि हो रही है, लेकिन लक्षण हल्के हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन वैरिएंट्स को निगरानी में रखा है, जिससे सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
 | 
भारत में कोविड-19 मामलों में वृद्धि, कुल मौतें 77 तक पहुंची

कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी जारी


नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, आज सुबह आठ बजे तक सक्रिय मामलों की संख्या 71,54 हो गई है, जबकि कल यह संख्या 7121 थी। इस प्रकार, पिछले 24 घंटों में 33 नए मामले सामने आए हैं। आज सुबह तक कोरोना से तीन और लोगों की मौत हो गई है, जिससे कुल मौतों की संख्या 77 हो गई है।


ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में हुई तीन मौतों में से दो महाराष्ट्र में और एक मध्य प्रदेश में हुई हैं। राहत की बात यह है कि इस वर्ष अब तक 8,000 से अधिक लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। गुरुवार सुबह तक डिस्चार्ज किए गए मामलों की संख्या 9,556 तक पहुंच गई है।


हल्के लक्षणों के साथ नए वैरिएंट

केरल में आज सुबह सक्रिय मामलों की संख्या 2,223 है। कोविड-19 डैशबोर्ड के अनुसार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। गुजरात और पश्चिम बंगाल में क्रमशः 1,223 और 747 नए मामले दर्ज किए गए हैं। हालिया वृद्धि ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट JN.1, NB.1.8.1, LF.7, और XFC के कारण हुई है, जो अधिक संक्रामक हैं लेकिन लक्षण अन्य वैरिएंट की तुलना में हल्के हैं।


सावधानी बरतने की आवश्यकता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन नए वैरिएंट्स को 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' के रूप में वर्गीकृत किया है। ये अभी चिंता का विषय नहीं हैं, लेकिन सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस SARS-CoV-2 अब अप्रत्याशित आपातकाल की तरह व्यवहार नहीं करता, बल्कि यह फ्लू जैसी बीमारियों के चक्र का हिस्सा बन गया है।