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भारत में खेल प्रशासन में सुधार के लिए राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025 का मसौदा

भारत के युवा मामले और खेल मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 का मसौदा पेश किया है, जिसका उद्देश्य खेल पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार लाना है। यह विधेयक खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा, पारदर्शिता और वैश्विक मानकों को अपनाने पर केंद्रित है। इसमें एथलीटों को नीति निर्माण में शामिल करने, महिलाओं के लिए नेतृत्व की भूमिका सुनिश्चित करने और विवादों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय न्यायाधिकरण के गठन का प्रस्ताव है। यह विधेयक भारतीय खेलों के लिए एक नई दिशा का संकेत देता है।
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भारत में खेल प्रशासन में सुधार के लिए राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025 का मसौदा

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025: एक ऐतिहासिक पहल

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025: भारत में खेल पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने के लिए, युवा मामले और खेल मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 का मसौदा प्रस्तुत किया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय खेल महासंघों और अन्य खेल संगठनों में पारदर्शिता लाना, खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना और वैश्विक मानकों को अपनाना है।


भारतीय खेलों में क्रांतिकारी बदलाव

यह विधेयक भारतीय खेलों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य खेल संगठनों के संचालन, खिलाड़ियों के साथ व्यवहार और शासन संरचना में सुधार करना है।


यह विधेयक भारतीय खेल प्रशासन को ओलंपिक और पैरालंपिक चार्टर के अनुरूप बनाने का प्रस्ताव करता है, जिससे भारत 2036 के ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए बेहतर स्थिति में आ सके।


एथलीटों के लिए केंद्रित विधेयक

यह विधेयक पूरी तरह से एथलीटों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। पहली बार, एथलीट न केवल व्यवस्था का हिस्सा होंगे, बल्कि नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


हर राष्ट्रीय खेल महासंघ को एथलीट समितियाँ स्थापित करनी होंगी, जो खिलाड़ियों को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने और निर्णयों में भाग लेने का अवसर प्रदान करेंगी।


महिलाओं के लिए भी यह विधेयक एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह प्रत्येक कार्यकारी समिति में कम से कम चार महिलाओं की उपस्थिति को अनिवार्य करता है।


कानूनी विवादों का समाधान

विधेयक में एक राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण के गठन का प्रस्ताव है, जो खेल से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए एक एकीकृत तंत्र प्रदान करेगा।


इससे समय और अनिश्चितता में कमी आएगी, जो पहले कई खेल करियर को प्रभावित कर चुकी है।


राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग

अब केवल मान्यता प्राप्त संस्थाओं को ही राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग करने की अनुमति होगी, जिससे राष्ट्रीय पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।


भारत का खेल परिदृश्य

भारत का खेल परिदृश्य लंबे समय से विवादों से भरा रहा है, जिसमें महासंघों के चुनावों से लेकर खिलाड़ियों के प्रतिनिधित्व की कमी तक शामिल है।


वर्तमान में, खेल महासंघों से संबंधित 350 से अधिक अदालती मामले लंबित हैं, जो खेल संवर्धन में बाधा डाल रहे हैं।


यह विधेयक न केवल संरचनात्मक सुधार लाएगा, बल्कि रोजगार सृजन और खिलाड़ियों की सुरक्षा में भी मदद करेगा।