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भारत में जनगणना और जातियों की गिनती: महत्वपूर्ण जानकारी

केंद्र सरकार ने जनगणना और जातियों की गिनती का ऐलान किया है, जो 2027 में पूरी होगी। इस प्रक्रिया के अंतर्गत परिसीमन अलग से होगा, जिससे 2029 का लोकसभा चुनाव 543 सीटों पर ही होगा। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर और क्या जानकारी है और इसका महिला आरक्षण पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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भारत में जनगणना और जातियों की गिनती: महत्वपूर्ण जानकारी

जनगणना का ऐलान और जातियों की गिनती

केंद्र सरकार ने जनगणना कराने का निर्णय लिया है, जिसमें इस बार जातियों की गिनती भी शामिल होगी। यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी और इसका समापन एक मार्च 2027 को होगा। हालांकि, इसके परिणामों के आने में कुछ समय लगेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि परिसीमन का कार्य जनगणना से अलग होगा, यानी दोनों प्रक्रियाएं स्वतंत्र रूप से चलेंगी। इस बार जनगणना डिजिटल उपकरणों के माध्यम से की जाने की संभावना है, जिससे अंतिम आंकड़े जल्दी प्राप्त होंगे। फिर भी, अनुमान है कि अंतरिम आंकड़े 2028 से पहले उपलब्ध नहीं होंगे।


यदि जनगणना के अंतरिम आंकड़े 2028 में जारी होते हैं, तो अंतिम आंकड़ों के लिए एक और वर्ष का इंतजार करना पड़ेगा। इस स्थिति में, 2029 का लोकसभा चुनाव 543 सीटों पर ही होगा, क्योंकि परिसीमन के लिए एक वर्ष से अधिक का समय आवश्यक है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अगला चुनाव परिसीमन से पहले होगा। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा किए गए संशोधन के अनुसार, 2026 के बाद की जनगणना के आधार पर परिसीमन होगा। इसलिए, जनगणना 2027 में होगी, अंतिम आंकड़े 2029 में आएंगे, और उसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी। महिला आरक्षण का मुद्दा भी परिसीमन से जुड़ा है, और नारी शक्ति वंदन कानून 2023 के अनुसार, यह परिसीमन के बाद लागू होगा। इस प्रकार, महिला आरक्षण के लिए 2034 तक इंतजार करना होगा।