भारत में जन्म दर में गिरावट: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से चिंताएं बढ़ीं

भारत में जन्म दर की चिंता
नई दिल्ली: हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने भारत सहित कई देशों में घटती जन्म दर पर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति दंपति जन्म दर अब केवल 1.9 रह गई है, जो जनसंख्या के प्रतिस्थापन स्तर (2.1) से कम है। जनसंख्या विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति भविष्य में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है, भले ही वर्तमान में इसका प्रभाव स्पष्ट न हो। रिपोर्ट में इस गिरावट के पीछे के कारणों पर भी चर्चा की गई है।
यह रिपोर्ट दुनिया के 14 देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है। सर्वेक्षण में लोगों से पूछा गया कि वे कम बच्चे क्यों पैदा कर रहे हैं या बिल्कुल भी बच्चे क्यों नहीं चाहते। भारत में, 13 प्रतिशत लोगों ने बांझपन या गर्भधारण में कठिनाई को इसका कारण बताया। वहीं, 14 प्रतिशत ने गर्भावस्था से जुड़ी चिकित्सा समस्याओं का उल्लेख किया।
लगभग 15 प्रतिशत लोगों ने खराब स्वास्थ्य या गंभीर बीमारी के कारण माता-पिता बनने में असमर्थता जताई। आर्थिक स्थिति भी एक बड़ी चिंता है, जिसे 38 प्रतिशत लोगों ने बताया। उनका कहना है कि आर्थिक सीमाओं के कारण वे परिवार का विस्तार नहीं करना चाहते, क्योंकि अधिक बच्चों की परवरिश, शिक्षा और आवास जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, 22 प्रतिशत ने आवास की समस्या और 21 प्रतिशत ने रोजगार के अवसरों की कमी को बच्चे पैदा न करने का कारण बताया। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका में भी 38 प्रतिशत लोग आर्थिक चिंताओं के कारण परिवार बढ़ाने से हिचकिचा रहे हैं।