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भारत में टू-व्हीलर्स के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा

भारत के सड़क परिवहन मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2026 से सभी टू-व्हीलर्स में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ाने और दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए उठाया गया है। ABS तकनीक इमरजेंसी ब्रेकिंग के दौरान फिसलने से बचाने में मदद करती है, जिससे ब्रेकिंग अधिक नियंत्रित होती है। जानें इस नई नीति के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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भारत में टू-व्हीलर्स के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा

सड़क सुरक्षा के लिए ABS का महत्व

भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने टू-व्हीलर्स की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 1 अप्रैल 2026 से, सभी टू-व्हीलर्स में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य किया जाएगा, चाहे उनकी इंजन क्षमता कितनी भी हो। पहले यह नियम केवल 125cc से ऊपर की मोटरसाइकिलों और स्कूटर्स पर लागू था, लेकिन अब एंट्री-लेवल मॉडल्स भी इसके दायरे में शामिल होंगे।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा हिस्सा टू-व्हीलर्स से होता है। इसके अलावा, देश में बिकने वाले लगभग 45% टू-व्हीलर्स 125cc से कम क्षमता के होते हैं। अब तक इनमें केवल कॉम्बी-ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) का उपयोग किया जाता था, जो आगे और पीछे दोनों ब्रेक को एक साथ सक्रिय करता है। हालांकि, ABS की तुलना में CBS कम प्रभावी होता है। सरकार का मानना है कि ABS को अनिवार्य करने से सड़क हादसों में कमी आएगी और टू-व्हीलर सुरक्षा में सुधार होगा।

ABS की आवश्यकता
ABS तकनीक इमरजेंसी ब्रेकिंग और फिसलन वाली सतहों पर बहुत महत्वपूर्ण है। यह बाइक के फिसलने की संभावना को कम करता है। ABS सेंसर पहिए की गति को मॉनिटर करता है और ECU के माध्यम से ब्रेक प्रेशर को नियंत्रित करता है। ABS सिस्टम के कारण ब्रेक को अचानक लगाने पर पहिए लॉक नहीं होते, जिससे वाहन फिसलने से बचता है। इससे ब्रेकिंग अधिक नियंत्रित होती है और गाड़ी जल्दी रुकती है। 1 अप्रैल 2026 से सभी नए टू-व्हीलर्स में ABS का होना अनिवार्य होगा, जिससे देश में बाइक से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी।