भारत में डिजिटल कंटेंट मॉडरेशन पर X और सरकार के बीच विवाद गहराया

सोशल मीडिया और सरकार के बीच टकराव
भारत में डिजिटल कंटेंट मॉडरेशन को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों और सरकार के बीच विवाद लंबे समय से जारी है। एलन मस्क की कंपनी X ने हाल ही में सरकार के 'सहयोग पोर्टल' को सेंसरशिप टूल बताकर एक बार फिर चुनौती दी है। मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान X के वकील की टिप्पणी पर सरकार की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई।
X के वकील के.जी. राघवन ने अदालत में कहा कि केंद्र सरकार ने बहुत से अधिकारियों को कंटेंट हटाने का अधिकार दे दिया है, जिससे अब 'हर टॉम, डिक और हैरी' ऐसे आदेश जारी कर रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि भारतीय रेलवे ने एक वीडियो हटाने का आदेश दिया, जिसमें एक कार रेलवे ट्रैक पर चलती दिखाई दे रही थी, जिसे X ने समाचार बताया। राघवन ने चेतावनी दी कि यदि ऐसे अधिकारियों को यह शक्ति दी गई, तो यह खतरनाक हो सकता है।
सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
X की टिप्पणी पर भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'सरकारी अधिकारी टॉम, डिक और हैरी नहीं हैं, बल्कि वैधानिक कार्यकर्ता हैं। कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यह नहीं उम्मीद कर सकता कि वह पूरी तरह से बिना किसी निगरानी के चलेगा।' सरकार पहले भी 'सहयोग' पोर्टल को सेंसरशिप टूल कहे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बता चुकी है।
सरकार ने X की आपत्ति को गलत बताया
भारत सरकार ने X के आरोपों को कानून की गलत व्याख्या बताया है। सरकार का कहना है कि X ने आईटी अधिनियम की धारा 69A और 79(3)(b) को सही ढंग से नहीं समझा। धारा 69A विशेष परिस्थितियों में कंटेंट ब्लॉक करने की अनुमति देती है, जबकि 79(3)(b) केवल बिचौलियों की जिम्मेदारियों को निर्धारित करती है। सरकार ने स्पष्ट किया कि नोटिस और ब्लॉकिंग आदेश दोनों अलग प्रक्रियाएं हैं। कोर्ट के एक पुराने आदेश के हवाले से सरकार ने कहा कि विदेशी कंपनियों को भारत में अभिव्यक्ति की आजादी के संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
X और भारत सरकार के बीच यह कानूनी लड़ाई अब केवल शब्दों की नहीं रह गई है, बल्कि यह भारत के डिजिटल कानूनों की व्याख्या और सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकती है। सरकार अपनी सख्ती को वैध और संतुलित बता रही है, जबकि X इसे सेंसरशिप मानता है। मामला अभी अदालत में लंबित है।