भारत में नवंबर की ठंड ने तापमान के रिकॉर्ड तोड़ दिए
ठंड का असर: देशभर में तापमान में गिरावट
नई दिल्ली: इस बार नवंबर का महीना भारत में अत्यधिक ठंडा रहा है, जिससे कई राज्यों में तापमान ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। कश्मीर घाटी, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में मौसम का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। कश्मीर में बर्फीली हवाओं और गिरते तापमान ने जनजीवन को प्रभावित किया है।
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -3.2 डिग्री सेल्सियस और बांदीपोरा में -4.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो इस मौसम की सबसे ठंडी रातों में से एक मानी जा रही है। हिमाचल प्रदेश के शिमला और मनाली में भी तापमान तेजी से गिर रहा है, जिससे कई स्थानों पर बर्फ जमने की स्थिति बन रही है। उत्तराखंड के देहरादून और नैनीताल में भी तापमान में भारी गिरावट आई है।
दिल्ली और एनसीआर में ठंड और प्रदूषण की समस्या
दिल्ली और एनसीआर में ठंड के साथ-साथ प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई 396 पर पहुंच गया है, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। एनसीआर के कुछ क्षेत्रों में यह स्तर 450 तक पहुंच गया है। पिछले 23 दिनों से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और अगले सप्ताह तक इसमें सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। ठंडी हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषण की परत और भी नीचे बैठ रही है।
उत्तर प्रदेश में ठंड का प्रभाव
उत्तर प्रदेश में भी ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। तेज हवाएं चल रही हैं और अगले दिनों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद और कानपुर जैसे जिलों में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया है। बिहार में भी सर्दी और कोहरा बढ़ गया है। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण कई स्थानों पर तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में तापमान की स्थिति
राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी तापमान में गिरावट की संभावना है। जयपुर में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस और भोपाल में 15 डिग्री सेल्सियस तक जाने का अनुमान है। दूसरी ओर, दक्षिण भारत में मौसम बारिश के कारण बदल रहा है। केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले दिनों में भारी बारिश हो सकती है। अंडमान सागर के ऊपर बना डीप डिप्रेशन मजबूत हो रहा है।
इसके अलावा, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व हिस्से में एक और लो प्रेशर एरिया बनने की संभावना है। यह सिस्टम अगले 48 घंटों में मजबूत होकर साइक्लोनिक तूफान का रूप ले सकता है, जिससे तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों में मौसम पर असर पड़ेगा।
