भारत में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान

नशे के खिलाफ जंग में नया मोड़
भारत में नशे के खिलाफ लड़ाई अब और तेज होने वाली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि विदेशों में बैठे ड्रग्स के कारोबारियों को कानून के दायरे में लाना आवश्यक है। यह घोषणा दिल्ली में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय नारकोटिक्स टास्क फोर्स कॉन्फ्रेंस में की गई।
इस कॉन्फ्रेंस में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के प्रमुख शामिल हुए। गृह मंत्री ने बताया कि अब डिपोर्टेशन और एक्स्ट्राडिशन की प्रक्रिया का उपयोग करके विदेशों में ड्रग्स का कारोबार करने वालों को भारत लाकर सजा दिलाई जाएगी।
अमित शाह ने कहा, “Deportation और extradition दोनों प्रक्रियाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अब समय आ गया है कि विदेशों में बैठकर भारत में ड्रग्स का धंधा करने वालों को यहां लाया जाए। CBI ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है और सभी राज्यों की टास्क फोर्स को इस दिशा में सक्रिय होना चाहिए।”
ड्रग कार्टेल की पहचान
गृह मंत्री ने बताया कि देश में तीन प्रकार के ड्रग कार्टेल सक्रिय हैं-
- जो देश के एंट्री पॉइंट पर काम करते हैं
- जो राज्यों तक सप्लाई पहुंचाते हैं
- और जो मोहल्ले और पान की दुकान तक नशा बेचते हैं
शाह ने कहा, “अब समय आ गया है कि इन तीनों प्रकार के कार्टेल पर कड़ा प्रहार किया जाए। यह लड़ाई तभी सफल होगी जब हम सब इसे अपनी लड़ाई समझें।”
भविष्य की सुरक्षा का सवाल
अमित शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, लेकिन यह तभी संभव है जब युवाओं को नशे के खतरे से बचाया जा सके।
“2047 तक महान भारत बनाने का सपना तभी पूरा होगा जब हमारी युवा पीढ़ी नशे से मुक्त रहे। अगर हमारी आने वाली पीढ़ियां खोखली हो गईं तो देश भटक जाएगा।”
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि ड्रग्स के खिलाफ यह लड़ाई केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भारत के भविष्य की सुरक्षा का प्रश्न है। अब देखना होगा कि राज्यों की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स इस लड़ाई को कैसे आगे बढ़ाती है।