भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वृद्धि: जागरूकता की आवश्यकता

ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों पर चर्चा
चंडीगढ़। भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वृद्धि और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, पार्क हॉस्पिटल मोहाली के चिकित्सकों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। मेडिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक, डॉ. (ब्रिगेडियर) हरिंदर पाल सिंह ने बताया कि पिछले चार दशकों में, सर्वाइकल कैंसर सबसे अधिक जानलेवा बीमारी थी, लेकिन अब ब्रेस्ट कैंसर ने इसे पीछे छोड़ दिया है। हर साल 2.1 मिलियन महिलाएं इस बीमारी से प्रभावित होती हैं, जिसमें भारत में 1.90 लाख नए मामले सामने आते हैं।
डॉ. हरिंदरपाल सिंह ने बताया कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर की जागरूकता का महत्व
मेडिकल ऑन्कोलॉजी कंसल्टेंट, डॉ. मुवीन कुमार मित्तल ने कहा कि पहले ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर 50 वर्ष की उम्र के बाद ही देखा जाता था, लेकिन अब यह बीमारी युवा महिलाओं में भी बढ़ रही है। वर्तमान में, लगभग 50% मामले 25 से 60 वर्ष की आयु वर्ग में हैं।
सीनियर कंसलटेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ. विजय जगड़ ने बताया कि भारत में महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर का योगदान 27% है। यदि जागरूकता और प्रारंभिक पहचान पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और जोखिम कारक
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
- ब्रेस्ट में गांठ
- निप्पल से डिस्चार्ज
- ब्रेस्ट की त्वचा का मोटा होना
- ब्रेस्ट के किसी भी हिस्से में लालिमा और सूजन
- ब्रेस्ट का उल्टा निप्पल
- बगल में गांठ
जोखिम कारक
- पारिवारिक इतिहास
- उम्र
- आहार और जीवनशैली विकल्प
- विकिरण जोखिम
- मोटापा
- एस्ट्रोजन जोखिम
डॉ. विजय जगड़ ने स्तन सेल्फ-एग्जामिनेशन और मैमोग्राफी को प्रारंभिक पहचान के सरल तरीके बताया।
कैंसर देखभाल में प्रगति
पार्क हॉस्पिटल्स के ग्रुप सीईओ नॉर्थ, डॉ. आशीष चड्ढा ने कहा कि पार्क ग्रीसियन हॉस्पिटल, मोहाली ट्राइसिटी का पहला अस्पताल है जिसने व्यापक कैंसर देखभाल की शुरुआत की है।